Haryana Education Minister Shri Mahipal Dhanda presented a souvenir to Prof. Dinesh Kumar, Vice-Chancellor, Shri Vishwakarma Skill University during the one-day workshop on ‘Internship Opportunities’ organized by the Haryana State Higher Education Council (HSHEC) at J.C. Bose University of Science and Technology, YMCA, Faridabad, Prof. Sushil Kumar Tomar, Vice-Chancellor, J.C. Bose University also seen in the picture
शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और पर्यावरण जगरूकता पर काम करते हुए ग्रामीणों का जीवन स्तर ऊंचा उठाने का संकल्प
विश्व पर्यावरण दिवस पर दुधौला के तालाब पर हुआ भव्य कार्यक्रम, पौधरोपण किया गया और जागरूकता रैली निकाली गई
पलवल। श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय दुधौला सहित अपने आसपास के पांच गांवों को गोद लेगा। इन गांवों में जीवन स्तर को ऊंचा उठाने की दिशा में अभियान चलाया जाएगा। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर दिनेश कुमार ने बुधवार को विश्व पर्यावरण दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम के दौरान यह घोषणा की। मुख्यातिथि के रूप में उन्होंने मंच से कहा कि पलवल मेरी कर्मभूमि है। इस क्षेत्र को विकसित बनाने की दिशा में हम प्रतिबद्ध हैं। कौशल विकास और जागरूकता, दोनों इस विकास के आधार बनेंगे। कुलपति प्रोफेसर दिनेश कुमार ने कहा कि श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय की स्थापना से इस क्षेत्र में बड़े पैमाने पर सकारात्मक प्रभाव दिखा है। किंतु शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और पर्यावरण को केंद्र बिंदु बनाते हुए श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय दुधौला सहित आसपास के पांच गांवों को गोद लेगा। इन गांवों में उपरोक्त सभी आयामों पर काम होगा। ग्रामीणों के जीवन स्तर में सुधार लाना हमारा सबसे बड़ा लक्ष्य होगा। साथ ही उन्होंने कहा कि पर्यावरण की दृष्टि से स्वच्छता हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकता होगी। कुलपति प्रोफेसर दिनेश कुमार ने कहा कि सीएसआर के अंतर्गत कम्पनियों को भी इस अभियान के साथ जोड़ने की कोशिश की जाएगी। उन्होंने ग्रामीणों से इस अभियान में जुड़ने का आह्वान किया। इससे पूर्व दुधौला गांव के सरपंच सुनील कुमार एवं पंचायत सदस्यों ने कुलपति प्रोफेसर दिनेश कुमार का पगड़ी पहना कर स्वागत किया। आंगनवाड़ी की महिला कार्यकर्ताओं ने कुलसचिव प्रोफेसर ज्योति राणा को पौधा भेंट कर स्वागत किया। कुलसचिव प्रोफेसर ज्योति राणा ने कहा कि पर्यावरण को स्वच्छ बनाने की दिशा में विश्वविद्यालय और ग्राम पंचायतें मिल कर कार्य करेंगी। सरपंच सुनील कुमार ने कुलपति और कुलसचिव का स्वागत करते हुए कहा कि दुधौला गांव को विश्वविद्यालय से एक नई पहचान मिली है। सरपंच सुनील कुमार ने कुलपति प्रोफेसर दिनेश कुमार के आह्वान पर दुधौला को स्वच्छ और हरा-भरा बनाने की बात कही। डीन प्रोफेसर आर एस राठौड़ ने कहा कि दुधौला गांव को स्वच्छ बनाने की दिशा में मिल कर काम करेंगे। उन्होंने दुधौला के तालाब के स्वच्छ बनाने की योजना पर काम करने की बात कही। कुलपति प्रोफेसर दिनेश कुमार, कुलसचिव प्रोफेसर ज्योति राणा, सरपंच सुनील कुमार, डीन प्रोफेसर आर एस राठौड़ एवं विश्वविद्यालय के अधिकारियों और पंचायत सदस्यों ने मिल कर पौधे लगाए। कुलपति प्रोफेसर दिनेश कुमार ने जागरूकता रैली को रवाना किया। विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों ने पर्यावरण जागरूक के नारे लगाते हुए गांव में रैली निकाली। सरपंच सुनील कुमार ने जागरूक रैली का अपने कार्यालय पर भव्य स्वागत किया। इससे पूर्व विद्यार्थियों के नुक्कड़ नाटक के जरिए पर्यावरण संरक्षण का सार्थक संदेश दिया। इस अवसर पर डीन प्रोफेसर ऋषिपाल, डीन प्रोफेसर आशीष श्रीवास्तव, डीन प्रोफेसर कुलवंत सिंह, उप कुलसचिव डॉ. ललित शर्मा, खेल निदेशक डॉ. मनी कंवर सिंह, एनएसएस के कार्यक्रम अधिकारी डॉ. नकुल सिंह, संयुक्त निदेशक शिखा गुप्ता, विधि अधिकारी केशव शर्मा, ओएसडी संजीव तायल, डॉ. विकास भदौरिया, पर्यावरण शिक्षक हेमंत कम्बोज एवं डॉ. राजकुमार तेवतिया भी उपस्थित थे।
फोटो परिचय - दुधौला गांव में तालाब किनारे पौधारोपण करते कुलपति प्रोफेसर दिनेश कुमार, कुलसचिव प्रोफेसर ज्योति राणा एवं सरपंच सुनील कुमार।
विद्यार्थियों के सपने साकार, कुलपति ने अपने हाथों से वितरित किए नियुक्ति पत्र
प्लेसमेंट को 100 प्रतिशत ले जाने का रखा लक्ष्य
पलवल। श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर दिनेश कुमार ने 12 विद्यार्थियों को अपने हाथों से नियुक्ति पत्र वितरित किए और उनके सुखद भविष्य की कामना की। इन विद्यार्थियों की नियुक्ति एनटीके इंडिया हाइड्रोलिक और एडवर्ब टेक्नोलॉजी में हुई है। कुलपति प्रोफेसर दिनेश कुमार ने इस अवसर पर कहा कि कौशल रोजगार का वरदान है। जिसके हाथ में हुनर है, उसे दुनिया के किसी भी कोने में रोजगार की कमी नहीं है। उन्होंने कहा कि श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के कई प्रोग्राम में प्लेसमेंट सौ प्रतिशत है। सभी प्रोग्राम की प्लेसमेंट को सौ प्रतिशत पर पहुंचाना हमारा लक्ष्य है। अभी विश्वविद्यालय के 81 फीसदी विद्यार्थियों को प्लेसमेंट मिल रहा है, जबकि बाकी के काफी विद्यार्थी एंटरप्रेन्योरशिप कर रहे हैं और कुछ ने निजी व्यवसाय शुरू कर लिए हैं। कुलपति प्रोफेसर दिनेश कुमार ने कहा कि श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय शीघ्र ही कई और भी रोजगारपरक प्रोग्राम शुरू करेगा। उन्होंने नियुक्ति पत्र हासिल करने वाले विद्यार्थियों को बधाई देते हुए मेहनत और अनुशासन से आगे बढ़ने का आह्वान किया। बीवॉक मैकाट्रॉनिक्स के विद्यार्थी अभिषेक, अमित, द्रविड़ बघेल, सोनू कुमार, मीनू, बीवॉक मैकेनिकल मैन्युफैक्चरिंग के विद्यार्थी मोहित और विनय सोनक को एनटीके इंडिया हाइड्रोलिक ने और बीवॉक मैकाट्रॉनिक्स के विद्यार्थी प्रियांशु, बीवॉक मैकेनिकल मैन्युफैक्चरिंग के विद्यार्थी अजय, अफसर और बीवॉक रोबोटिक्स ऑटोमेशन के विद्यार्थी विनोद तथा रितिका गोयल को एडवर्ब टेक्नोलॉजीज ने चयनित किया है। चयनित विद्यार्थियों ने श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के प्रति आभार ज्ञापित किया। नियुक्ति पत्र हासिल करने वाले विद्यार्थियों को कुलसचिव प्रोफेसर ज्योति राणा ने बधाई दी और श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय का नाम ऊंचा करने का आह्वान किया। कुलपति प्रोफेसर दिनेश कुमार ने इसके लिए स्किल फैकल्टी ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के डीन प्रोफेसर आशीष श्रीवास्तव, डिप्टी प्लेसमेंट एंड ट्रेनिंग ऑफिसर डॉ. विकास भदौरिया और कॉरपोरेट रिलेशंस एंड इंगेजमेंट की उप निदेशक डॉ. वैशाली माहेश्वरी को बधाई दी।
पलवल। प्रोफेसर दिनेश कुमार श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के नए कुलपति बन गए हैं। हरियाणा के राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्री बंडारू दत्तात्रेय द्वारा उनकी नियुक्ति तीन वर्ष की अवधि के लिए की गई है। 26 मई को उन्होंने अपना कार्यभार संभाला। इससे पूर्व दो बार गुरुग्राम यूनिवर्सिटी और एक बार वाईएमसीए, फरीदाबाद के कुलपति रह चुके प्रोफेसर दिनेश कुमार अब देश के पहले कौशल विश्वविद्यालय की कमान संभालेंगे। यह अति महत्वपूर्ण दायित्व सौंपने के लिए प्रोफेसर दिनेश कुमार ने राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्री बंडारू दत्तात्रेय के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित की है। उन्होंने कहा कि श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय को वैश्विक पहचाना दिलाना उनका प्रमुख उद्देश्य होगा। संस्थापक कुलपति डॉ. राज नेहरू के लक्ष्यों को आगे बढ़ाने की दिशा में कृतसंकल्प हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन को क्रियान्वित करना परम सौभाग्य होगा। प्रोफ़ेसर दिनेश कुमार ने कहा कि हरियाणा में शिक्षा के माध्यम से कौशल विकास को आंदोलन का रूप देना उनका उद्देश्य है। कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी से पीएचडी कर चुके प्रोफेसर दिनेश कुमार प्रख्यात एकैडमिशियन हैं और उन्हें प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के हाथों होमी जहांगीर भाभा मेमोरियल अवॉर्ड प्राप्त करने का गौरव भी हासिल है। यह अवॉर्ड प्राप्त करने वाले वह हरियाणा के प्रथम वैज्ञानिक कुलपति हैं। प्रोफेसर दिनेश कुमार को फुलब्राइट- नेहरू इंटरनेशनल एजुकेशन एडमिनिस्ट्रेटर फेलोशिप भी मिल चुकी है। 2003 में इन्हें एसोसिएशन ऑफ कॉमन वेल्थ यूनिवर्सिटी की ओर से कॉमन वेल्थ फैलोशिप के लिए चुना गया था। मोस्ट एमिनेंट वाइस चांसलर अवॉर्ड से नवाजे जा चुके प्रोफेसर दिनेश कुमार ने अपना अकादमिक करियर 1987 में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से शुरू किया। 38 वर्ष के कार्यकाल में उन्होंने तीन बार कुलपति रहने के अतिरिक्त कई महत्वपूर्ण पदों को सुशोभित किया और कई पुरस्कार प्राप्त किए। उनके 140 शोध पत्र देश- दुनिया के प्रतिष्ठित जर्नल में प्रकाशित हो चुके हैं। फ्रांस, इटली, जर्मनी, आस्ट्रिया, इंग्लैंड, अमेरिका, रूस व आस्ट्रेलिया जैसे देशों की यात्रा कर चुके हैं। इंडियन साइंस कांग्रेस के कुरुक्षेत्र चैप्टर के अध्यक्ष प्रो. दिनेश कुमार ने वैज्ञानिक शोध के क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय स्तर का कार्य किया है।
सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस में अत्याधुनिक मशीनें और विद्यार्थियों के प्रोजेक्ट देख जताई प्रसन्नता विज्ञान पर आधारित प्रतियोगिताएं
कुलपति प्रोफेसर सुशील कुमार तोमर ने किया अतिथियों का स्वागत
पलवल। पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के न्यायाधीश जस्टिस महावीर सिंह सिंधु ने बुधवार को श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय का दौरा किया और उच्च शिक्षा में कौशल विकास के मॉडल का अवलोकन किया। विश्वविद्यालय परिसर पहुँचने पर कुलपति प्रोफ़ेसर सुशील कुमार तोमर और कुलसचिव प्रोफ़ेसर ज्योति राणा ने उनका भव्य स्वागत किया। इस दौरान पलवल के जिला एवं सत्र न्यायाधीश पुनेश जिन्दिया, मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी मेनका सिंह और अतिरिक्त जिला उपायुक्त अखिल पिलानी भी उनके साथ मौजूद रहे। विद्यार्थियों से मुखातिब जस्टिस महावीर सिंह सिंधु ने कहा कि अपने लक्ष्य निर्धारित करें और उन्हें हासिल करने के लिए मेहनत में जुट जाएं। उन्होंने विद्यार्थियों से अपनी जड़ों से जुड़े रहने का आह्वान किया और कहा कि कितने भी बड़े पद पर पहुंच जाएं, लेकिन अपने अतीत को ना भूलें। जस्टिस महावीर सिंह सिंधु ने कहा कि अपने बड़ों का सम्मान करें और ग़रीबों की सहायता करें। सबके प्रति सहानुभूति और समानुभिति रखनी चाहिए। इस अवसर पर जिला एवं सत्र न्यायाधीश पुनेश जिन्दिया ने विद्यार्थियों को कानून की मूलभूत अवधारणा से अवगत करवाया। उन्होंने कहा कि किसी भी देश और समाज के लिए कानून आवश्यक है। युवाओं को कानून के प्रति जागरूक रहना चाहिए, ताकि उनके माध्यम से समाज के दूसरे वर्गों को कानूनी अधिकार मिल सकें। कुलपति प्रोफेसर सुशील कुमार तोमर ने इस मौके पर कहा कि विद्यार्थी को जीवन में सीखने की ललक रखनी चाहिए। उन्होंने तेजी से बदलती तकनीक के नए पहलुओं को सीखने का भी आह्वान किया। कुलपति प्रोफेसर सुशील कुमार तोमर ने कहा कि जो शिक्षा हमारे भीतर नम्रता ना ला सके, वह निरर्थक है। सभ्य आचरण ही हमारे शिक्षित होने का प्रमाण है। इससे पूर्व मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी मेनका सिंह ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के मंच से विद्यार्थियों को कानूनी अधिकारों से अवगत करवाया। कानूनी सहायता सुरक्षा अधिवक्ता जगत सिंह रावत और सहायक कानूनी सहायता सुरक्षा अधिवक्ता पिंकी शर्मा ने कानूनी जागरूकता पर विद्यार्थियों से चर्चा की। अनुप्रयुक्त विज्ञान एवं मानविकी कौशल संकाय के अधिष्ठाता प्रोफेसर आर एस राठौड़ ने विषय की प्रस्तावना रखी।
राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के उपलक्ष्य में दो दिवसीय कार्यक्रम में होंगी विज्ञान पर आधारित प्रतियोगिताएं
पलवल। श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय में बृहस्पतिवार को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के उपलक्ष्य में विज्ञानम-2025 का आयोजन किया गया। महान वैज्ञानिक सर सीवी रमन को इस अवसर पर श्रद्धापूर्वक याद किया गया और विद्यार्थियों ने उनके जीवन से प्रेरणा का संकल्प लिया। विद्यार्थियों ने रंगोली और पोस्टर मेकिंग के माध्यम विज्ञान के प्रति अपने चाव का इजहार किया। मुख्यातिथि के रूप में कुलसचिव प्रोफेसर ज्योति राणा ने कहा कि विज्ञान तथ्यों पर आधारित होती है। इससे जीवन में सटीकता और आत्मविश्वास पैदा होता है। कुलसचिव प्रोफेसर ज्योति राणा ने कहा कि विज्ञान हमारे भीतर ठीक और गलत को समझने की क्षमता का विकास करती है। अधिष्ठाता प्रोफेसर आर एस राठौड़ ने कहा कि हमारा इतिहास विज्ञान से भरा पड़ा है। आम आदमी में विज्ञान के प्रति समझ और रुचि पैदा करना जरूरी है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति भी इस दिशा में प्रेरित करती है। कार्यक्रम में अतिथि के रूप में पधारे रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन के वैज्ञानिक डॉ. अमितांशु पटनायक ने विद्यार्थियों को रक्षा क्षेत्र में हो रहे अनुसंधान से अवगत करवाया। उन्होंने कहा कि देश की प्रगति के लिए आइडिया सबके मन में आना चाहिए। बल का मूल ही विज्ञान है। विज्ञान के बिना कुछ संभव नहीं है।
ब्यूटी मेडिकल के क्षेत्र में मिल कर ट्रेनिंग और सर्टिफिकेशन करने की इच्छा जताई
पलवल। जापानी कंपनी एनएमटी की सीईओ एमी सूचियासन ने बृहस्पतिवार को श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय का दौरा किया और अधिकारियों के साथ बैठक की। इस बैठक में उन्होंने ब्यूटी मेडिकल के क्षेत्र में श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के साथ मिलकर काम करने की पेशकश की। उन्होंने विश्वविद्यालय के मूल्यांकन एवं प्रमाणन विभाग के साथ मिलकर ट्रेनिंग प्रोग्राम शुरू करने और जॉइंट सर्टिफिकेशन की इच्छा जतायी। शिक्षा शास्त्र के अधिष्ठाता प्रोफ़ेसर ऋषिपाल की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में मूल्यांकन एवं प्रमाणन विभाग की संयुक्त निदेशक शिखा गुप्ता ने प्रशिक्षण से संबंधित विभिन्न आयामों पर चर्चा की। शिखा गुप्ता ने कहा कि श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के पास प्रशिक्षकों का बड़ा समूह है। ब्यूटी और वेलनेस के क्षेत्र में श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय द्वारा कई कोर्स चलाए जा रहे हैं। ऐसे में यदि भविष्य में जापानी कंपनी के साथ समझौता सिरे चढ़ता है तो इससे कई तरह के रास्ते खुलेंगे। एनएमटी की सीईओ एमी सूचियासन ने कहा कि ब्यूटी मेडिकल का क्षेत्र दुनिया में तेज़ी से बढ़ रहा है। यदि इस क्षेत्र में प्रशिक्षण का कार्यक्रम होगा तो युवाओं को रोज़गार के नए अवसर मिलेंगे। उन्होंने कहा कि श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय भारत का एक प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय है हम इसलिए मिलकर काम करने के इच्छुक हैं। शिक्षा शास्त्र के अधिष्ठाता प्रोफेसर ऋषि पाल ने कहा कि यदि जापानी कंपनी के साथ प्रशिक्षण कार्यक्रम से भारत के युवाओं को लाभ होगा तो निश्चित तौर पर हम इस दिशा में आगे बढ़ेंगे। उन्होंने कहा कि भारत के पास व्यापक युवा ऊर्जा है। डीन प्रोफ़ेसर ऊषा बत्रा ने भी जापानी कंपनी की सीईओ के साथ विभिन्न आयामों पर चर्चा की। इस बैठक में मासायूमे के एमडी जयकांत सिंह और असिस्टेंट डिप्टी डायरेक्टर विनोद सिंह परिहार विशेष रूप से उपस्थित थे और उन्होंने भी रोजगार की दृष्टि से जापानी कंपनी के साथ तालमेल की संभावनाओं पर चर्चा की। उपकुलसचिव चंचल भारद्वाज इस बैठक में विशेष रूप से उपस्थित रहीं और उन्होंने रोज़गार को बढ़ावा देने की दिशा में कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए। मूल्यांकन एवं प्रमाणन विभाग के क्वालिटी हैड सचिन अग्रवाल ने अपने विभाग की गतिविधियों के बारे में रिपोर्ट प्रस्तुत की। डिप्टी डायरेक्टर अमीष अमेय ने विश्वविद्यालय की रिपोर्ट जापानी मेहमान के सामने रखी। इस अवसर पर सहायक उप निदेशक विनोद भारद्वाज भी उपस्थित रहे।
विश्वविद्यालयों में प्रशासनिक दक्षता पर देश में श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय की बड़ी पहल
पलवल। श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफ़ेसर सुशील कुमार तोमर ने कहा कि प्रशासन एक स्किल है। जो समय के परिवर्तन को आत्मसात करते हुए अपने आप को अपग्रेड करेगा, वह प्रशासनिक सफलता को अवश्य अर्जित करेगा। एक आदर्श प्रशासनिक नेतृत्व के लिए लचीलापन, धैर्य और सामंजस्य बहुत आवश्यक है। कुलपति प्रोफ़ेसर तोमर विश्वविद्यालय में एडमिनिस्ट्रेटिव लीडरशिप पर आयोजित नेशनल सेमिनार प्रशासनायन-2025 में बोल रहे थे। इस सेमिनार में प्रशासनिक क्षेत्र के कई दिग्गजों ने अपने वक्तव्य दिए और 18 शोधपत्र प्रस्तुत किए गए। कुलपति प्रोफेसर सुशील कुमार तोमर ने कहा कि अकादमिक प्रशासन और सामान्य प्रशासन में काफ़ी भिन्नता होती है। अकादमिक प्रशासन में विद्यार्थी सबसे महत्वपूर्ण घटक हैं और फिर शिक्षकों तथा सहायक स्टाफ का स्थान आता है। प्रोफेसर तोमर ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और चैट जीपीटी जैसे नए आयामों को सीखते हुए आगे बढ़ने ख़ुद को अग्रिम रखने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि शिक्षण संस्थान को अंतर्राष्ट्रीय मानचित्र पर ले जाना हमारा लक्ष्य होना चाहिए। सेमिनार में मुख्यतिथि के रूप में गुरुग्राम यूनिवर्सिटी के पूर्व कुलपति प्रोफेसर दिनेश कुमार अग्रवाल ने कहा कि प्रशासनिक कार्यों में कौशल झलकना चाहिए। श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय ने इसे चरितार्थ किया है। सबसे पहले ई ऑफ़िस लागू करने से लेकर ऑन द जॉब ट्रेनिंग जैसी अवधारणा पर नए मानक बनाना बहुत महत्वपूर्ण है। प्रोफेसर दिनेश कुमार अग्रवाल ने कहा कि उत्पाद आधारित कौशल बहुत जरूरी है। कौशल बिना प्रगति संभव नहीं। इसलिए कौशल पर केंद्रित रहना बहुत महत्वपूर्ण है। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन की प्रोफसर नीतू जैन ने मुख्य वक्ता के रूप में कहा कि लीडरशिप एक एक्शन है। किसी भी संस्थान को आगे बढ़ाने के लिए जुनून की आवश्यकता होती है। उन्होंने कहा कि प्रशासनिक दक्षता के लिए व्यापक दृष्टिकोण होना चाहिए। प्रोफेसर नीतू जैन ने सफलता और नेतृत्व पर आधारित कई दिलचस्प उदाहरण भी प्रस्तुत किए। कुलसचिव प्रोफेसर ज्योति राणा ने कहा कि प्रशासनिक लीडर में समानुभूति होनी चाहिए, ताकि वह अपने साथ कार्य करने वालों की परेशानी को उसी दृष्टिकोण से समझे। उन्होंने श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय में प्रशासनिक तंत्र के कौशल और विशिष्टता पर भी प्रकाश डाला। प्रोफेसर ज्योति राणा ने कहा कि इस विश्वविद्यालय की उपलब्धियां प्रशासनिक नेतृत्व और कर्मठता की परिणति हैं। इन्हें और बड़े स्तर पर हासिल करने के लिए प्रशासनिक अधिकारियों और कर्मियों के लिए इस नेशनल सेमिनार की पहल की गई है। एसडीआईटी के संयुक्त निदेशक सुमित सहरावत ने प्रशासनिक सुधारों पर जोर दिया और इस दिशा में श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के प्रयासों की सराहना की। अकादमिक अधिष्ठाता प्रोफेसर आर एस राठौड़ ने विषय प्रवेश करवाते हुए अतिथियों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि प्रशासनिक दक्षता की दृष्टि से प्रशासनायन बहुत महत्वाकांक्षी कदम है। इससे प्रशासनिक उत्कृष्टता अर्जित करने के मानक तय होंगे। प्लेनरी सत्र में पूर्व कुलपति डॉ. पंकज गुप्ता, जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर इंद्रजीत सिंह सोढ़ी और डबल्यूईसी की चेयरपर्सन जया गोयल ने अपने वक्तव्य प्रस्तुत किए। समापन सत्र में एनआईसीएमआर के डीन रिसर्च डॉ. राजेश गोयल मुख्यतिथि के रूप में पहुंचे और उन्होंने प्रशासनिक नेतृत्व पर अपने विचार व्यक्त किए। टेक्निकल सत्र में सुमन गुप्ता, डॉ. गुंजन गुम्बर और समर महापात्रा ने अध्यक्षता की। प्रोफ़ेसर ऋषिपाल, प्रोफ़ेसर आशीष श्रीवास्तव और प्रोफ़ेसर जॉय कुरियाकोज़े ने सह अध्यक्षता की। वक्ता के रूप में उपकुलसचिव अंजू मलिक, उप कुलसचिव चंचल भारद्वाज, उप कुलसचिव डॉ. ललित शर्मा, जया गोयल और ए के वर्मा ने अपना वक्तव्य दिया। सहायक कुलसचिव डॉ. राजेश कुमार, सोमबीर श्योराण और विनय सैनी ने सत्र का संचालन किया।विनोद भारद्वाज, निशान सिंह, प्रवीण आर्य और अनूप ने प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। प्रशासनायन-2025 की संयोजक डॉ. नीति अरोड़ा ने सभी का आभार ज्ञापित किया। उन्होंने कहा कि इस सेमिनार के निष्कर्ष को अपनी कार्यशैली में सम्मिलित किया जाएगा। सह संयोजक एवं संयुक्त निदेशक शिखा गुप्ता ने सभी के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित की। डॉ. वैशाली माहेश्वरी ने मंच संचालन किया। इस अवसर पर प्रोफ़ेसर सुरेश कुमार, प्रोफ़ेसर कुलवंत सिंह, प्रोफ़ेसर ऊषा बत्रा, डॉ. समर्थ सिंह, डॉ. श्रुति गुप्ता, डॉ. सविता शर्मा, डॉ. मनी कंवर सिंह, डॉ. संजय राठौड़, मुख्य लेखा अधिकारी सुमंत, विधि अधिकारी केशव शर्मा, अमीष अमेय, लख्मी चंद सहित काफ़ी संख्या में अधिकारी और शिक्षक
कुलपति प्रोफेसर सुशील कुमार तोमर ने किया स्वागत, स्किल इको सिस्टम को सशक्त बनाने में हर संभव सहयोग का भरोसा दिया
हिमाचली प्रतिनिधिमंडल ने सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में अत्याधुनिक लैब, स्किल स्कूल और कंस्ट्रक्शन एकेडमी का भ्रमण किया
पलवल। हिमाचल प्रदेश के तकनीकी शिक्षा, व्यावसायिक एवं औद्योगिक प्रशिक्षण मंत्री राजेश धर्माणी ने सोमवार को प्रतिनिधिमंडल के साथ श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय का भ्रमण किया और स्किल एजुकेशन के मॉडल का अध्ययन किया। विश्वविद्यालय परिसर पहुंचने पर कुलपति प्रोफेसर सुशील कुमार तोमर ने उनका भव्य स्वागत किया और विश्वविद्यालय की अवधारणा से अवगत करवाया। कुलसचिव प्रोफेसर ज्योति राणा ने उनके समक्ष प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। हिमाचल प्रदेश में स्किल इकोसिस्टम को और अधिक सुदृढ़ बनाने के उद्देश्य से हिमाचल प्रदेश के तकनीकी शिक्षा, व्यावसायिक एवं औद्योगिक प्रशिक्षण मंत्री राजेश धर्माणी, हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज के निदेशक हिमांशु मोंगा और तकनीकी शिक्षा के निदेशक अक्षय सूद ने देश के पहले राजकीय कौशल विश्वविद्यालय के मॉडल का अध्ययन किया। उन्होंने भविष्य में श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के साथ मिल कर कौशल परियोजनाओं पर काम करने की इच्छा व्यक्त की। कुलपति प्रोफेसर सुशील कुमार तोमर ने उन्हें हर संभव सहयोग का भरोसा दिया। उन्होंने कहा कि श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय हर प्रकार का सहयोग करने के लिए हमेशा तत्पर है। इससे पूर्व हिमाचल प्रदेश के प्रतिनिधंडल ने विश्वविद्यालय के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में अत्याधुनिक लैब का अवलोकन किया और कौशल विकास की पूरी प्रक्रिया का अध्ययन किया। इस दौरान उन्होंने कई लैब में दिलचस्पी से जानकारी हासिल की। इनमें ऑटोमेशन लैब, सीएनसी लैब, मैकेट्रॉनिक लैब, एडवांस वेल्डिंग लैब और एडवांस्ड इलेक्ट्रिक लैब शामिल हैं। इस दौरान कुलपति प्रोफेसर सुशील कुमार तोमर ने कहा कि स्किल एजुकेशन के इस मॉडल में किताबी ज्ञान की अपेक्षा सीखने पर ज्यादा जोर दिया जाता है। प्रेक्टिकल एक्सपोजर पर सबसे ज्यादा फोकस है। हिमाचल प्रदेश के तकनीकी शिक्षा, व्यावसायिक एवं औद्योगिक प्रशिक्षण मंत्री राजेश धर्माणी ने अपनी टीम के साथ इनोवेटिव स्किल स्कूल का भी अवलोकन किया और यहां स्थापित लैब की सराहना की। विद्यार्थियों के साथ भी उन्होंने सार्थक संवाद किया और उनसे व्यवसायिक कोर्स के माध्यम से करियर बनाने पर चर्चा की। इस दौरान कुलपति प्रोफेसर सुशील कुमार तोमर ने विद्यार्थियों को स्किल कोर्स के माध्यम से आगे बढ़ने को प्रेरित किया। कुलपति प्रोफेसर सुशील कुमार तोमर ने हिमाचली प्रतिनिधिमंडल को विश्वविद्यालय में चलाए जा रहे बंचारी फोक आर्ट के कोर्स के बारे में बताया कि यह लोक के संवर्धन की दिशा में प्रयास है। उन्होंने मेहमानों को बंचारी फोक आर्ट पर विश्वविद्यालय द्वारा तैयार करवाया गया ग्रन्थ भी दिखाया। इस पर मंत्री राजेश धर्माणी ने प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि लोक कला को प्रोत्साहित करने की दिशा में यह महत्वपूर्ण प्रयास है। कुलपति प्रोफेसर सुशील कुमार तोमर ने उन्हें विश्वविद्यालय में पढ़ाई जा रही जर्मन और जापानी भाषाओं के बार में भी अवगत करवाया। उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय भाषाओं से रोजगार की बहुत संभावनाएं हैं। कुलसचिव प्रोफेसर ज्योति राणा ने अपने प्रतिवेदन में ऑन द जॉब ट्रेनिंग, प्लेसमेंट, औद्योगिक साझेदारी व भविष्य की योजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने गुरु शिष्य कौशल सम्मान योजना के बारे में भी बताया। अकादमिक अधिष्ठाता प्रोफेसर आर एस राठौड़ पाठ्यक्रम और विभिन्न कोर्स के बारे में जानकारी दी।
शिक्षकों से संवाद में शिक्षण की गुणवत्ता, अनुसन्धान और नवाचार को बढ़ावा देने का आह्वान
पलवल। जे. सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए फरीदाबाद के कुलपति प्रोफ़ेसर सुशील कुमार तोमर ने सोमवार को श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के कुलपति का पदभार ग्रहण किया। विश्वविद्यालय की कुलसचिव प्रोफेसर ज्योति राणा एवं अकादमिक अधिष्ठाता प्रोफेसर आर एस राठौड़ ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया और उनकी नई भूमिका के लिए बधाई दी। प्रोफ़ेसर सुशील कुमार तोमर ने इस नए दायित्व के लिए विश्वविद्यालय के कुलाधिपति एवं हरियाणा के राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय एवं मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित की। कुलपति प्रोफेसर सुशील कुमार तोमर ने विश्वविद्यालय के शिक्षकों के साथ संवाद भी किया। इस मौक़े पर उन्होंने कहा कि श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के संस्थापक कुलपति डॉ. राज नेहरू ने कौशल शिक्षा के क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य किया है। मैं पूरी ज़िम्मेदारी के साथ श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय को कौशल विकास एवं उत्कृष्टता की नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए प्रतिबद्ध हूँ। साथ ही उन्होंने शिक्षकों से शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने, अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देने का आह्वान किया। कुलपति प्रोफेसर सुशील कुमार तोमर ने उद्योगों और अकादमिक साझेदारी को और अधिक सशक्त बनाने के लिए भी प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि हमें भविष्य की ज़रूरतों के अनुसार नियोजन करना होगा और फिर उसे क्रियान्वित करने के लिए अपनी पूरी ऊर्जा लगानी होगी। श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय से देश को बहुत अपेक्षाएं हैं इस विश्वविद्यालय में काफ़ी कुछ करने की क्षमता भी है। इंटरडिसिप्लिनरी रिसर्च के माध्यम से बहुत कुछ करने की आवश्यकता है। उन्होंने शिक्षकों से समर्पण, प्रतिबद्धता और अनुशासन के साथ रोल मॉडल बनने का आह्वान किया। कुलपति प्रोफेसर सुशील कुमार तोमर ने कहा कि जिसके अंदर मानवता है और वह स्वयं को नियंत्रित करने की क्षमता है, वही सही मायने में एक आदर्श शिक्षक है। उन्होंने श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के ऑन द जॉब ट्रेनिंग और एलुमनाई को आधार बनाते हुए भविष्य में प्लेसमेंट से लेकर ट्रेनिंग तक कई बड़े आयाम स्थापित करने के लिए प्रेरित किया। साथ ही उन्होंने कहा कि सभी नई ऊर्जा के साथ कार्य करें ताकि अपेक्षित लक्ष्यों को अर्जित किया जा सके। इस अवसर पर विश्वविद्यालय की कुलसचिव प्रोफेसर ज्योति राणा ने कहा कि श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय कुलपति प्रोफ़ेसर सुशील कुमार तोमर के नेतृत्व और अनुभव से अवश्य लाभान्वित होगा। उन्होंने कुलपति प्रोफ़ेसर सुशील कुमार तोमर को सम्मानित करते हुआ उनका आभार ज्ञापित किया। इस अवसर पर अकादमिक अधिष्ठाता प्रोफेसर आर एस राठौड़, डीन प्रोफेसर आशीष श्रीवास्तव, प्रोफेसर सुरेश कुमार, प्रोफेसर ए के वाटल, प्रोफेसर कुलवंत सिंह और प्रोफ़ेसर ऊषा बत्रा, जे. सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. पवन मलिक के अतिरिक्त श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के काफ़ी संख्या में शिक्षक और इंस्ट्रक्टर उपस्थित थे।
पलवल। श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय में गणतंत्र दिवस समारोह उल्लासपूर्वक मनाया गया। कुलसचिव प्रोफेसर ज्योति राणा ने गणतंत्र दिवस के उपलक्ष्य में तिरंगा ध्वज फहराया और होमगार्ड की सलामी ली। इस मौक़े पर उन्होंने कहा कि गणतंत्र प्रत्येक नागरिक को न्याय और समानता देता है। भारत गौरवशाली देश है, जो विश्व का महान गणतंत्र है। संविधान ने ही देश के सभी जन को समान अधिकार दिए हैं और यही संविधान हमारे अधिकारों की रक्षा करता है। इस अवसर पर उन्होंने सभी शिक्षकों, कर्मचारियों और विद्यार्थियों को गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं दीं। विद्यार्थियों ने देश भक्ति से ओतप्रोत कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए। विश्वविद्यालय तिरंगी फिजा में रंगा नजर आया। दूसरी ओर ट्रांजिट कैंपस में अकादमिक अधिष्ठाता प्रोफेसर आर एस राठौड़ ने ध्वज फहराया और गार्ड की सलामी ली। उन्होंने सभी को गणतंत्र दिवस की बधाई दी। फोटो परिचय- श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय में तिरंगा ध्वज फहराती कुलसचिव प्रोफेसर ज्योति राणा। ट्रांजिट कैंपस में तिरंगा ध्वज फहराते अकादमिक अधिष्ठाता प्रोफेसर आर एस राठौड़।
संस्थापक कुलपति डॉ. राज नेहरू का हुआ भव्य सम्मान मुख्यमंत्री के ओएसडी बनाए जाने पर छोड़ा पद आठ साल में देश के पहले कौशल विश्वविद्यालय को दिलाए देश- दुनिया में नए मुकाम कर्मचारियों के बच्चों और एग्रीकल्चर फॉर्म के लिए दान कर गए उपहार में मिली राशि पलवल। श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के संस्थापक कुलपति डॉ. राज नेहरू को भावुक और भव्य विदाई दी गई। उनके सम्मान में दिव्य समारोह का आयोजन किया गया और संस्थापक कुलपति के रूप में उनके योगदान के लिए उन्हें प्रशस्ति प्रदान किया गया। सम्मान की सूचक पगड़ी और शाल भेंट कर उनके प्रति कृतज्ञता ज्ञापित की गई। शिक्षकों, अधिकारियों, कर्मचारियों और विद्यार्थियों ने उन्हें फूल मालाओं से लाद दिया और उनके ऊपर पुष्प वर्षा की गई। उद्योग जगत की कई बड़ी हस्तियां इस सम्मान समारोह में शामिल हुई और संस्थापक कुलपित डॉ. राज नेहरू के विदाई समारोह को यादगार बना दिया। वर्ष 2017 में डॉ. राज नहरू ने श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के संस्थापक कुलपति के रूप में कमान सँभाली थी। उन्हें न केवल देश के पहले राजकीय कौशल विश्वविद्यालय की स्थापना का श्रेय जाता है, बल्कि उनके कार्यकाल में इस विश्वविद्यालय ने एनआईआरएफ रैंकिंग में देश भर में दूसरा स्थान प्राप्त किया है। इसके अलावा श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दर्जन भर प्रतिष्ठित अवार्ड भी अपने नाम किए हैं। अब उन्हें हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी के विशेष कर्तव्य अधिकारी का दायित्व मिला है। संस्थापक कुलपति डॉ. राज नेहरू विश्वविद्यालय परिसर पहुंचे तो उनका भव्य स्वागत किया गया। उनके मार्गदर्शन में स्क्रैप से बने ई व्हीकल को फूलों से सजाया गया। बैंड की धुनों पर निकले उनके काफिले पर सारे रास्ते फूल बरसाए गए और विद्यार्थियों ने उनके प्रति करबद्ध कृतज्ञता ज्ञापित की। संस्थापक कुलपित डॉ. राज नेहरू, उनकी पत्नी सुनैना नेहरू, बेटी ओशीन और बेटा आर्यन भी इस यादगार समारोह में शरीक हुए। जब फूलों से सजे ई व्हीकल में सवार होकर वह आयोजन स्थल पर पहुंचे तो माहौल भावुक भी नजर आया। विश्वविद्यालय परिवार के साथ-साथ दुधौला गांव के पूर्व सरपंच सुन्दर सिंह और गाँव के मौजूदा व्यक्तियों ने भी कुलपति डॉक्टर राज नेहरू को का सम्मान किया। उन्होंने नोटों की माला भी पहनाई, लेकिन डॉ. राज नेहरू ने यह राशि चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के बच्चों की शिक्षा और एग्रीकल्चर फार्म के लिए दान कर दी। संस्थापक कुलपति डॉ. राज नेहरू ने इस अवसर पर पूरी टीम के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करते हुए कहा कि यह लक्ष्य प्राप्त करना आसान नहीं था, लेकिन आप सबके सहयोग से मैं विश्वविद्यालय को इस मुक़ाम पर लाने में सफल हुआ। उन्होंने कहा कि दूर तक चलना है तो सबको साथ लेकर चलना पड़ेगा और इसी भावना के साथ हमने विश्वविद्यालय के निर्माण में सब की सहभागिता सुनिश्चित की। डॉ. राज नेहरू ने कहा कि मैने श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय को पूरी निष्ठा और मूल्य बोध के साथ संचालित किया। इसके लिए विश्वविद्यालय की विश्वसनीयता सबसे ऊपर रही। चाहे वह भर्तियों का विषय हो पूरी पारदर्शिता के साथ भर्ती हुई और एक भव्य परिसर का निर्माण भी हुआ, लेकिन आठ साल में कोई आक्षेप नहीं है। उन्होंने कहा कि हमने नए आइडिया, नई नीतियां और नवाचार पर काम किया। इसके बूते ही इस विश्वविद्यालय ने देश-विदेश में अपनी एक अलग पहचान बनायी है। देश के पहले इनोवेटिव स्किल स्कूल की स्थापना को उन्होंने बड़ी उपलब्धि बताया। संस्थापक कुलपति डॉ. राज नेहरू ने कहा कि हमने एक वर्ल्ड क्लास सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस की स्थापना की है। आने वाले दिनों में इसके बहुत सुखद परिणाम सामने आएंगे। साथ ही ऑन द जॉब ट्रेनिंग को कौशल शिक्षा के मॉडल में समावेशित किया गया है। अब यह पूरे देश के लिए एक आदर्श मॉडल बन गया है। उन्होंने कहा कि आज देश और दुनिया के बहुचर्चित शिक्षण संस्थान श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के मॉडल का अनुकरण कर रहे हैं। यह हमारी उपलब्धि है। इस पूरे मिशन में सहयोग के लिए उन्होंने सभी डीन, प्रोफेसर, अधिकारियों, कर्मचारियों और विद्यार्थियों के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित की। डॉ. राज नेहरू ने ग्राम पंचायत दुधौला के प्रति विशेष कृतज्ञता जतायी। उन्होंने कहा कि दुधौला गांव के सहयोग से ही यह विश्वविद्यालय स्थापित हो पाया है। संश्थापक कुलपति डॉ. राज नेहरू ने कहा कि श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालयों को वह अपने मन और सोच से कभी बाहर नहीं निकाल सकते। यह हमेशा दिल में रहेगा। अंत में उन्होंने अत्यंत विनम्रता से कहा कि इस कार्यकाल में यदि कोई चूक हुई हो तो उसके लिए क्षमाप्रार्थी हूँ। विश्वविद्यालय की कुलसचिव प्रोफ़ेसर ज्योति राणा ने उन्हें विश्वविद्यालय की ओर से सम्मानित किया। इस मौक़े पर उन्होंने कहा कि पूरे देश के सामने यह विश्वविद्यालय आदर्श बन गया है। कुलपति के रूप में डॉक्टर राज नेहरू को भारत में कौशल शिक्षा का मॉडल खड़ा करने का श्रेय जाता है। उन्होंने जिस शिद्दत के साथ इस विश्वविद्यालय का स्थापना की है वह निर्वचनीय है। उनकी संस्तुतियों को यूजीसी और नैक ने भी स्वीकार किया। यह बहुत बड़ा गौरव है। विश्वविद्यालय के अकादमिक अधिष्ठाता प्रोफ़ेसर आर एस राठौड़ ने कहा कि कौशल विश्वविद्यालय के कुलपति के रूप में डॉक्टर राज नेहरू ने देश में स्किल एजुकेशन का इको सिस्टम तैयार किया। उन्होंने अपनी नेतृत्व क्षमता से शिक्षा जगत और देश व समाज के लिए बहुत बड़ा योगदान दिया है। डॉ. राज नेहरू को बंचारी की लोककला के संवर्द्धन के लिए भी जाना जाएगा। प्रोफेसर आर एस राठौड़ ने कहा कि अब हरियाणा सरकार ने उन्हें जो दायित्व दिया है इसका भी बड़े स्तर पर प्रदेश को लाभ मिलेगा। आईआईएलएम की कुलपित डॉ. सुजाता शाही, हीरो मोटरकॉर्प की ओर से एचआर हेड धर्म रक्षित, सुधांशु पाडी, ऑटोलेक की एचआर हेड भावना चौहान, मिताभी लैंस की ओर जीएम संजीव शर्मा, मेट्रो लैब के डायरेक्टर विनोद भाटी और हिपा की सहायक निदेशक रेखा भारद्वाज सहित उद्योग जगत की कई बड़ी हस्तियों ने संस्थापत कुलपति डॉ. राज नेहरू को सम्मानित किया और उनकी नई पारी के लिए शुभकामनाएँ दी
मुख्यमंत्री का ओएसडी बनाए जाने पर किया डॉ. राज नेहरू का भव्य स्वागत पलवल। श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. राज नेहरू को मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी का ओएसडी बनाए जाने पर अभिनंदन किया गया। विश्वविद्यालय परिसर पहुंचने पर उनका भव्य स्वागत हुआ। कुलसचिव प्रोफेसर ज्योति राणा ने उन्हें सम्मानित किया और शिक्षकों तथा अधिकारियों ने उन्हें फूल मालाओं से लाद दिया। इस अवसर पर कुलपति डॉ. राज नेहरू ने कहा कि श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय को बुलंदियों पर ले जाना सबसे बड़ा लक्ष्य है। देश के पहले राजकीय कौशल विश्वविद्यालय को राष्ट्रीय स्तर पर कौशल शिक्षा का आदर्श बनाए रखना है। इसके लिए मैं हमेशा अपने सर्वश्रेष्ठ योगदान के लिए उपलब्ध रहूंगा। डॉ. राज नेहरू ने कहा कि राष्ट्रीय फलक पर विश्वविद्यालय की ख्याति और कैसे बढ़ाई जाए, इस दिशा में सबको मिल कर काम करना है। विश्वविद्यालय को जब और जिस रूप में आवश्यकता पड़े, सभी अपनी सार्थक भूमिका निभाने के लिए तैयार रहें। कुलसचिव प्रोफेसर ज्योति राणा ने कहा कुलपति डॉ. राज नेहरू के नेतृत्व में श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय ने देश-दुनिया में विशिष्ट पहचान बनाई है। कुलपति के रूप में उनके नेतृत्व ने विश्वविद्यालय को बड़े स्तर पर ख्याति दिलाई है। उनके मार्ग दर्शन में ही श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय वैश्विक परिदृश्य में और आगे बढ़ेगा। विश्वविद्यालय के सभी शिक्षकों, अधिकारियों और कर्मचारियों ने कुलपति डॉ. राज नेहरू को मुख्यमंत्री का ओएसडी बनाए जाने पर उनका भव्य अभिनंदन किया। उनकी नेतृत्व गुणवत्ता की सभी ने मुक्तकंठ प्रशंसा की। इस अवसर पर प्रोफेसर आशीष श्रीवास्तव, प्रोफेसर सुरेश कुमार, प्रोफेसर ए के वातल, प्रोफेसर ऋषिपाल, प्रोफेसर कुलवंत सिंह, प्रोफेसर ऊषा बत्रा, उप कुलसचिव डॉ. ललित कुमार शर्मा, उप कुलसचिव चंचल भारद्वाज, उप कुलसचिव अंजू मलिक, संयुक्त निदेशक शिखा गुप्ता, सहायक कुल सचिव विनय सैनी, सोमवीर श्योराण, ओएसडी संजीव तायल, निदेशक डॉ. मनी कंवर सिंह, डॉ. संजय सिंह राठौर, डॉ. सविता शर्मा, डॉ. समर्थ सिंह, डॉ. पिंकी शर्मा, डॉ. प्रीति, डॉ. नकुल, विधि अधिकारी केशव शर्मा, एसडीओ नरेश संधू, निजी सहायक अनिल जांगड़ा और सहायक उप निदेशक निशान सिंह सहित काफी संख्या में अधिकारी, शिक्षक और कर्मी उपस्थित थे।
प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों में लागू होगा श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय का आरपीएल प्रोग्राम श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के पास आरपीएल लागू करने का प्रारूप तैयार- श्री राज नेहरू हरियाणा के उच्चतर शिक्षा विभाग ने जारी किया पत्र, श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के साथ एमओयू करने की संस्तुति इंडस्ट्री में काम कर रहे अनुभवी कर्मी नौकरी के साथ - साथ कर पाएंगे बी. वोकेशनल और एम. वोकेशनल कोर्स
हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल खट्टर ने सुशासन दिवस के अवसर पर आयोजित राज्य स्तरीय समारोह में श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के कुलपति श्री राज नेहरू को सम्मानित किया और उन्हें यह अवार्ड प्रदान किया। मुख्यमंत्री ने श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के गवर्नेंस और कुलपति श्री राज नेहरू की कार्यशैली और विजन की सराहना की। कुलसचिव प्रो. आरएस राठौड़, डीन एकेडमिक प्रो. ज्योति राणा, प्रो. सुरेश कुमार, प्रो. निर्मल सिंह, प्रो. रंजीत सिंह व प्रो. आशीष श्रीवास्तव उनके साथ अवार्ड लेने पहुंचे और सभी को प्रमाणपत्र प्रदान किए