श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय में हुए आयोजन, कुलगुरु प्रोफेसर दिनेश कुमार ने दी शुभकामनाएं
श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय में बुधवार को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के 75वें जन्मदिन के उपलक्ष्य में स्वास्थ्य जाँच शिविर एवं हिंदी पखवाड़ा काव्य पाठ प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। सभी ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की दीर्घायु एवं स्वस्थ जीवन की कामना की। कुलगुरु प्रोफेसर दिनेश कुमार ने इस अवसर पर कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत दुनिया की स्किल कैपिटल बनने की ओर अग्रसर है। उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के जीवन से प्रेरणा लेने का आह्वान भी किया। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के 75वें जन्मदिन के उपलक्ष्य में पुष्पगिरि भवन में स्किल डिपार्टमेंट ऑफ़ एमएलटी द्वारा स्वास्थ्य जाँच शिविर आयोजित किया गया, जिसमें 75 विद्यार्थियों के स्वास्थ्य की जांच की गई। विद्यार्थियों ने इस अवसर स्वास्थ्य कौशल पर विविध चर्चाओं का भी आयोजन किया। कुलगुरु के विशेष कर्तव्य अधिकारी संजीव तायल ने विद्यार्थियों को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के जीवन के प्रेरक आयामों से अवगत करवाया। डॉ. संतोष यादव ने विद्यार्थियों को स्वास्थ्य जांच के प्रति जागरूक किया। शारदा भवन पुस्तकालय में आयोजित हिंदी पखवाड़ा काव्यपाठ प्रतियोगिता भी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन को समर्पित रही। इसमें स्टाफ और विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया। कई कविताएं प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के व्यक्तित्व पर प्रस्तुत की गई। लिपिक योगेंद्र राठौर की कविता, 'विश्व पटल पर भारत की शान बढ़ाई, दुनिया में भारत को नई पहचान दिलाई... कविता से वाहवाही बटोरी। ओएसडी संजीव तायल की कविता, 'वो जो सामने मुश्किलों का अम्बार है, उसी से तो मेरे हौसलों की मीनार है' प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी को समर्पित रही। पुस्तकालय उपाध्यक्ष डॉ. जेके दुबे, विधि अधिकारी केशव शर्मा, विधि सहायक लख्मी चंद, डॉ. सुषमा, डॉ. कल्पना महेश्वरी, शालिनी नासा, हरिओम और डॉ. मनीष ने कविता पाठ किया। अनुवादक सोनिया ने विद्यार्थियों को काव्य पाठ के लिए प्रोत्साहित किया और अंत में हिंदी अधिकारी भूपेंद्र प्रताप सिंह ने सभी प्रतिभागियों का आभार ज्ञापित किया।
श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय में हुआ भगवान श्री विश्वकर्मा का पूजन एवं पुष्पार्चन
श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय में बुधवार को भगवान श्री विश्वकर्मा जी की जयंती श्रद्धापूर्वक मनाई गई। कुलगुरु प्रोफेसर दिनेश कुमार एवं कुलसचिव प्रोफेसर ज्योति राणा ने तक्षशिला भवन में आयोजित कार्यक्रम में भगवान श्री विश्वकर्मा जी की प्रतिमा पर पुष्पार्चन किया। विश्वविद्यालय के शिक्षकों, अधिकारियों और कर्मियों ने भगवान श्री विश्वकर्मा जी को नमन करते हुए कौशल एवं उत्कृष्टता का संकल्प लिया। कुलगुरु प्रोफेसर दिनेश कुमार ने इस अवसर पर कहा कि भगवान श्री विश्वकर्मा कौशल के देवता हैं। इस सृष्टि के महान वास्तुकार भगवान श्री विश्वकर्मा जी की जयंती पर हमें कौशल में उत्कृष्टता की प्रेरणा मिलती है। सृजन कौशल से जुड़े प्रत्येक व्यक्ति के लिए भगवान श्री विश्वकर्मा जी आराध्य देव हैं। कुलगुरु प्रोफेसर दिनेश कुमार ने कहा कि उनके नाम पर बना यह कौशल विश्वविद्यालय युवा पीढ़ी को विविध कौशल प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। भविष्य में इंडस्ट्री की जरूरतों के अनुसार और भी कई नए कौशल आधारित प्रोग्राम शुरू किए जाएंगे। कुलसचिव प्रोफेसर ज्योति राणा ने भगवान श्री विश्वकर्मा जी की जयंती पर सभी को बधाई देते हुए कहा कि नए-नए कौशल को आत्मसात करना ही भगवान श्री विश्वकर्मा जी की आराधना है। हमें इस दिशा में हमेशा तत्पर रहना चाहिए। इस अवसर पर उप कुलसचिव डॉ. ललित शर्मा, डॉ. श्रुति गुप्ता, सहायक कुलसचिव डॉ. राजेश कुमार, विशेष कर्तव्य अधिकारी संजीव तायल, विधि अधिकारी केशव शर्मा सहित काफी संख्या में शिक्षक, अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।
Shri Vishwakarma Skill University will host the ‘SVSU Cricket Cup Challenge –2025’. The preparations for this mega sporting event are started under the visionary guidance of Hon’ble Vice Chancellor, Prof. (Dr.) Dinesh Kumar. The tournament will be organized under the dynamic leadership of Hon’ble Minister of Youth Empowerment & Entrepreneurship, Mr. Gaurav Gautam ji. To chalk out the roadmap, an organizing committee meeting was held on Monday, where officials discussed various aspects of the event.
विश्व स्तरीय रेफ्रिजरेशन एंड एयरकंडीशनिंग कौशल विकास केंद्र पर एक करोड़ से भी ज्यादा खर्च करेगी डाइकिन
हजारों युवाओं के लिए खुलेंगे रोजगार के अवसर, कुलगुरु प्रोफेसर दिनेश कुमार ने जताया आभार
दो महीने में होगा बनकर तैयार, शॉर्ट टर्म प्रोग्राम भी होंगे शुरू
श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय में रेफ्रिजरेशन एंड एयरकंडीशनिंग का कौशल विकास केंद्र स्थापित होगा। इस पर एक करोड़ रुपए से भी ज्यादा लगात आएगी। इसका पूरा खर्च डाइकिन इंडिया एयरकंडीशनिंग प्राइवेट लिमिटेड उठाएगी। विश्वविद्यालय के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस का दौरा करने के बाद डाइकिन इंडिया एयरकंडीशनिंग प्राइवेट लिमिटेड के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक कंवलजीत सिंह जावा ने यह घोषणा की। कुलगुरु प्रोफेसर दिनेश कुमार ने उनकी इस पहल का स्वागत किया और प्रयासों को सिरे चढ़ाने के लिए अकादमिक अधिष्ठाता प्रोफेसर विक्रम सिंह को बधाई दी। रेफ्रिजरेशन एंड एयरकंडीशनिंग का कौशल विकास केंद्र स्थापित होने से हजारों युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे। चेयरमैन कंवलजीत सिंह जावा ने कहा कि एयरकंडीशनिंग के फील्ड में रोजगार के अवसर दिनोदिन बढ़ रहे हैं। पूरे विश्व में ट्रेंड कर्मियों की आवश्यकता है। इस क्षेत्र के युवाओं को रोजगार के अधिक से अधिक अवसर मिलें, इसी उद्देश्य से रेफ्रिजरेशन एंड एयरकंडीशनिंग का यह अत्याधुनिक कौशल विकास केंद्र स्थापित किया जा रहा है। कुलगुरु प्रोफेसर दिनेश कुमार ने कहा कि रोजगार की दृष्टि से रेफ्रिजरेशन एंड एयरकंडीशनिंग के क्षेत्र में निरंतर वृद्धि हो रही है। डाइकिन इंडिया एयरकंडीशनिंग की विश्वस्तरीय मशीनें इस केंद्र में स्थापित करेगी। युवाओं के लिए आवश्यकता के अनुसार शॉर्ट टर्म कोर्स शुरू किए जाएंगे, ताकि वो कम समय में सीधे इस क्षेत्र में रोजगार के साथ जुड़ सकें। इसके अलावा रेफ्रिजरेशन एंड एयरकंडीशनिंग में बी. वॉक प्रोग्राम शुरू कर दिया गया है। कुलगुरु प्रोफेसर दिनेश कुमार ने कहा कि हम युवाओं में कौशल विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं। इस पहल के लिए उन्होंने डाइकिन इंडिया के चेयरमैन कंवलजीत सिंह जावा का आभार व्यक्त किया। अकादमिक अधिष्ठाता प्रोफेसर विक्रम सिंह ने कहा कि रेफ्रिजरेशन एंड एयरकंडीशनिंग के क्षेत्र में तकनीक बहुत तेजी से बदल रही है। बिजली की कम खपत वाले प्रोडक्ट मार्केट में आ रहे हैं। इस क्षेत्र में मैन्युफैक्चरिंग से लेकर मेंटेनेंस तक लाखों कुशल कर्मियों की आवश्यकता है। श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय में यह कौशल विकास केंद्र दो महीने में बनकर तैयार हो जाएगा। प्रोफेसर विक्रम सिंह ने कहा कि इसके माध्यम से हम हजारों विद्यार्थियों को स्किल्ड बनाने में सक्षम हो जाएंगे। स्किल डिपार्टमेंट ऑफ ग्रीन टेक्नोलॉजी के चेयरपर्सन डॉ. सुनील कुमार गर्ग ने बताया कि ग्रीन एनर्जी के समावेश से रेफ्रिजरेशन एंड एयरकंडीशनिंग के क्षेत्र में तकनीकी कौशल की आवश्यकता बढ़ी है। इस दृष्टि से यह कौशल विकास केंद्र युवाओं को इस क्षेत्र में रोजगार के लिए तैयार करने में बहुत महत्वपूर्ण साबित होगा। श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के निदेशक डॉ. मनी कंवर सिंह ने बताया कि इस कौशल विकास केंद्र के लिए स्थान चिह्नित के लिया गया है। इस अवसर पर डाइकिन इंडिया की ओर से एपीएस गांधी भी उपस्थित थे।
एसवीएसयू में इंडस्ट्री–अकादमिक कनेक्ट: स्किल स्फेयर राउंड टेबल मीट में शामिल हुई उद्योग जगत की 50 से भी ज्यादा हस्तियां
कुलगुरु प्रोफेसर दिनेश कुमार ने किया मल्टी स्किल इंजीनियरिंग की अवधारणा पर काम करने का ऐलान
उद्योग जगत के प्रतिनिधियों ने इंडस्ट्री व अकादमिक को और करीब लाने की पैरवी की, ट्रेनिंग और स्किलिंग का जिम्मा एसवीएसयू को देने की हिमायत
श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय में बुधवार को इंडस्ट्री–अकादमिक कनेक्ट: स्किल स्फेयर राउंड टेबल मीट का आयोजन किया गया। इसमें उद्योग जगत की 50 से ज्यादा हस्तियों ने हिस्सा लिया। कुलगुरु प्रोफ़ेसर दिनेश कुमार की उपस्थिति में उद्योग जगत की हस्तियों और अकादमिक विशेषज्ञों ने इंडस्ट्री और अकादमिक को और अधिक नज़दीक लाने व इंडस्ट्री की जरूरतों को पूरा करने पर मंथन किया। कुलगुरु प्रोफेसर दिनेश कुमार ने इस मौके पर इंडस्ट्री को आश्वस्त किया कि उनकी ट्रेनिंग की आवश्यकताओं को श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय पूरी करेगा। उन्होंने मल्टी स्किल इंजीनियरिंग की अवधारणा पर काम करने का भी ऐलान किया। इसके साथ ही उन्होंने उद्योग जगत की हस्तियों को इंडस्ट्री की समस्याओं के समाधान के लिए पीएचडी में पंजीकरण करवाने की पेशकश की। उन्होंने कहा कि इंडस्ट्री के लोग शोध करेंगे तो नए पेटेंट और नवाचार आमने आएंगे, इससे इंडस्ट्री, मार्केट और समाज, सबको फायदा होगा। कुलगुरु प्रोफेसर दिनेश कुमार ने कहा कि इंडस्ट्री को स्किल्ड मैन पावर देने में श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय बहुत बड़ी भूमिका निभाएगा। साथ ही उन्होंने उद्योग जगत के प्रतिनिधियों से आग्रह किया कि वे इंडस्ट्री से जुडी समस्याएं युवाओं के साथ साझा करें। विद्यार्थियों का दिमाग बहुत सी समस्याओं का समाधान खोजने में सक्षम है। कुलसचिव प्रोफेसर ज्योति राणा ने उद्योग जगत से आए प्रतिनिधियों का स्वागत करते हुए कहा कि सर्वाधिक अनुभवी कुलगुरु प्रोफेसर दिनेश कुमार के नेतृत्व में स्किल इकोसिस्टम को और अधिक प्रभावी बनाया जा रहा है। उद्योग जगत के सहयोग से हमने कई महत्वपूर्ण प्रोग्राम शुरू किए हैं। शार्ट टर्म कोर्स से लेकर पीएचडी तक के प्रोग्राम इंडस्ट्री के साथ समन्वित हैं। प्रोफेसर ज्योति राणा ने स्किल इकोसिस्टम और उद्योग में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने पर प्रतिबद्धता जताई। अकादमिक अधिष्ठाता प्रोफेसर विक्रम सिंह ने कहा कि इंडस्ट्री परिवर्तन के दौर से गुजर रही है और यह परिवर्तन बहुत तेजी से हो रहे हैं। श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय इंडस्ट्री और अकादमिक के बीच के अंतर को खत्म करने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। इस खाई को पाटना हमारी प्रतिबद्धता है। प्रोफेसर विक्रम सिंह ने कहा कि स्किल्ड मैन पावर के लिए हमारा मॉडल सबसे कारगर है। उन्होंने रिस्किलिंग और अप स्किलिंग की आवश्यकता पर जोर दिया। डीन सीआरई प्रोफेसर आशीष श्रीवास्तव ने विश्वविद्यालय की विकास यात्रा और उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। वी.जी. इंटरप्राइजेज के प्रबंध निदेशक नवीन सूद ने कहा कि प्रत्येक इंडस्ट्री को अपना स्किल सेंटर विकसित करना पड़ रहा है, लेकिन यह काम श्री विश्वकर्मा कौशल विशवविद्यालय बेहतर तरीके से कर सकता है। इंडस्ट्री को और स्किल लोगों की आवश्यकता है। नवीन सूद ने नए और इंडस्ट्री आधारित स्किल विकसित करने का सुझाव दिया। अरविन्द ग्रुप के प्रबंध निदेशक सिद्धार्थ गुप्ता ने कहा कि इंडस्ट्री को ऑटोमेशन से जोड़ना बहुत जरूरी है। एआई, मशीन लर्निंग और स्मार्ट मैनुफैक्चरिंग इंडस्ट्री की आवश्यकता है। एचडीएफसी गुरुग्राम शाखा के प्रबंधक शरद काचरु ने सॉफ्ट स्किल डेवलपमेंट को पाठ्यक्रम में समन्वित करने पर बल दिया। जेसीबी की ओर से आए अंकुश शर्मा और फरहान ने स्किल मैन पावर की आवश्यकताओं और उपयोगिता पर अपने विचार व्यक्त किए। जेएसडब्ल्यू स्टील के हेड एचआर शशांक मिश्रा ने कौशल विकास के साथ कार्य संस्कृति को विकसित करने के सुझाव दिए। फ्लोवेल एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड के प्रतिनिधि अमित यादव ने कहा कि ट्रेनिंग में इंडस्ट्री का समय हुए संसाधन खपते हैं, यह जिम्मा श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय बेहतर तरीके से निभा सकता है। इस मीट में जिला रोजगार अधिकारी डॉ. शक्तिपाल, एसीई के प्रतिनिधि सुभाष गुप्ता, ट्रिनिटी टच के हेड एचआर गजेंद्र सिंह, उद्योगपति राजेंद्र कालरा, तिवोली गार्डन के जीएम ललित कुमार, हाईटेक गियर के अंकित शर्मा, मिताभी लैब्स के संजीव शर्मा, फीनिक्स कॉंटॅक्ट के योगेश कुमार व उन्नत वर्मी कम्पोस्ट के सुनील गर्ग सहित काफी संख्या में उद्योग जगत की हस्तियां उपस्थित रहीं। विश्वविद्यालय की ओर से डीन प्रोफेसर आर एस राठौड़, परीक्षा नियंत्रक प्रोफेसर सुरेश कुमार, ग्रीन टेक्नोलॉजी के चेयरपर्सन डॉ. सुनील गर्ग, डीएसडब्ल्यू प्रोफेसर कुलवंत सिंह, प्रोफेसर ऊषा बत्रा, उप कुलसचिव चंचल भारद्वाज, उप कुलसचिव डॉ. ललित कुमार शर्मा, डॉ. ओएसडी संजीव तायल, उप निदेशक अमीष अमेय, डिप्टी प्लेसमेंट ऑफिसर डॉ. विकास भदौरिया, डॉ. सविता शर्मा, डॉ. संजय राठौड़, डॉ. रविंद्र कुमार, डॉ. मनी कंवर सिंह, डॉ. प्रीति और प्रशांत चौधरी सहित काफी संख्या में अकादमिक क्षेत्र के लोग उपस्थित थे। उप निदेशक डॉ. वैशाली महेश्वरी ने मंच संचालन किया।
डाइकिन इंडिया एयरकंडिशनिंग प्राइवेट लिमिटेड के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक कंवलजीत जावा ने मुख्यातिथि के रूप में विद्यार्थियों को सिखाए सफल उद्यमी बनने के गुर
विद्यार्थियों से मेहनत, समयबद्ध प्रयास, जुनून, धैर्य और जोखिम लेने की क्षमताओं पर की चर्चा, अपने जीवन के अनुभव साझा किए
श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय में विश्व उद्यमिता दिवस पर भव्य समारोह का आयोजन किया गया। डाइकिन इंडिया एयरकंडिशनिंग प्राइवेट लिमिटेड के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक कंवलजीत जावा इस समारोह में मुख्यातिथि के रूप में सम्मिलित हुए और उन्होंने विद्यार्थियों को उद्यमिता में सफलता के गुर सिखाए। विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रोफेसर दिनेश कुमार ने उनका जोरदार स्वागत किया। विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए डाइकिन इंडिया एयरकंडिशनिंग प्राइवेट लिमिटेड के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक कंवलजीत जावा ने कहा कि जीवन में मेहनत का कोई विकल्प नहीं है। कठिन परिश्रम, समयबद्ध सतत् प्रयास, विनम्रता, धैर्य, जुनून और जोखिम लेने की क्षमता आपको एक सफल उद्यमी बना सकती है। उन्होंने कहा कि जीवन में हमेशा सीखें और नया करने की सोचें। कंवलजीत जावा ने बड़ी सादगी से कहा कि आज भी मैं श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय में सीखने आया हूं। उन्होंने पुराने दिनों को याद करते हुए कुलगुरु प्रोफेसर दिनेश कुमार को अपना मेंटर बताया। उन्होंने कहा कि प्रोफेसर दिनेश कुमार से काफी कुछ सीखने को मिला है। कंवलजीत जावा ने कहा कि जीवन में प्रतिकूलता से मुकाबला करना आना चाहिए और साथ में उत्साह की शक्ति होनी चाहिए। साथ ही उन्होंने विद्यार्थियों से नेटवर्क बनाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि नेटवर्क हमारी सफलता में बड़ी भूमिका निभाता है। कंवलजीत जावा ने कहा कि नया भारत दुनिया में तेजी से आगे बढ़ रहा है। विकसित देशों में भारतीय मूल के लोग बड़ी और नामचीन कंपनियों का नेतृत्व कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व ने देश का प्रदर्शन शानदार हो रहा है। कंवलजीत जावा ने एक सफल उद्यमी बनने के लिए अपने जीवन के अनुभवों को विद्यार्थियों के साथ साझा किया। कंवलजीत जावा की पत्नी निशा जावा और डाइकिन इंडिया के अधिकारी एपीएस गांधी ने भी अपने अनुभव साझा किए। श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रोफेसर दिनेश कुमार ने कहा कि कंवलजीत जावा का व्यक्तित्व न केवल प्रेरक बल्कि प्रत्येक विद्यार्थी के लिए आदर्श है। एक सामान्य पृष्ठभूमि से शुरुआत करने से लेकर उद्योग जगत की बड़ी हस्ती होने तक उनका सफर सबके लिए प्रेरणा है। डाइकिन इंडिया के चेयरमैन कंवलजीत जावा ने श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस का अवलोकन किया और प्रयोगशालाओं की कौशल और उद्यम के क्षेत्र में उपयोगिता पर महत्वपूर्ण सुझाव दिए। कुलसचिव प्रोफेसर ज्योति राणा ने अतिथियों का आभार ज्ञापित किया। इस अवसर पर अकादमिक अधिष्ठाता प्रोफेसर सुरेश कुमार, डीन प्रोफेसर आशीष श्रीवास्तव, डीन प्रोफेसर डी वी पाठक, ग्रीन टेक्नोलॉजी के चेयरपर्सन प्रोफेसर सुनील कुमार गर्ग, प्रोफेसर विक्रम सिंह, प्रोफेसर ऊषा बत्रा, सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के निदेशक डॉ. मनी कंवर सिंह, डॉ. संजय सिंह राठौड़, उप कुलसचिव डॉ. ललित शर्मा, ओएसडी संजीव तायल, उप निदेशक अमीष अमेय, दिनेश यादव, डॉ. संजय यादव और जगबीर सिंह उपस्थित थे। डॉ. वैशाली महेश्वरी और डॉ. प्रीति ने मंच संचालन किया। उद्यमिता दिवस पर विद्यार्थियों के लिए सेमीकंडक्टर पर भी एक विशेष सत्र का आयोजन किया गया। केडेन्स इएएसआई के प्रोडक्ट मैनेजर सोमा शेखर ने विद्यार्थियों को सेमी कंडक्टर के क्षेत्र में महत्वपूर्ण जानकारियां दी।
भारी बरसात के बीच मनाया स्वतंत्रता दिवस समारोह, गार्ड्स और कैडेट्स की सलामी ली
ऑस्ट्रिया में आयोजित वर्ल्ड स्किल कंपीटिशन में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र अखिलेश कुमार विशिष्ट अतिथि के रूप में हुए सम्मिलित
विद्यार्थियों ने देशभक्ति पर आधारित कार्यक्रम प्रस्तुत कर समां बांधा
श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय में 79 वां स्वतंत्रता दिवस समारोह ' आजादी फॉर ग्रीनर भारत ' के थीम पर धूमधाम से मनाया गया। भारी बरसात के बीच विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रोफेसर दिनेश कुमार ने तिरंगा फहराया और गार्ड तथा कैडेट्स की सलामी ली। ऑस्ट्रिया में आयोजित वर्ल्ड स्किल कंपीटिशन में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र अखिलेश कुमार विशिष्ट अतिथि के रूप में सम्मिलित हुए। कुलसचिव प्रोफेसर ज्योति राणा समारोह में विशेष तौर पर उपस्थित रहीं। इस मौके पर विश्वविद्यालय की फिजा राष्ट्र प्रेम में रंगी नजर आई। विद्यार्थियों ने देश भक्ति से ओतप्रोत कार्यक्रम प्रस्तुत कर समां बांध दिया। मुख्यातिथि के रूप में कुलगुरु प्रोफेसर दिनेश कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि यह दिन सर्वोच्च बलिदान देने वाले महान शहीदों और क्रांतिकारियों को श्रद्धा सुमन अर्पित करने का है। उन्हीं की बदौलत हम खुली हवा में सांस ले रहे हैं। कुलगुरु प्रोफेसर दिनेश कुमार ने कहा कि भारत तकनीक और कौशल के दम पर दुनिया का सशक्त राष्ट्र बन चुका है। ऑपरेशन सिंदूर में इसका प्रमाण पूरी दुनिया ने देखा है। युवा शक्ति इसे अपने नवाचार और उद्यमिता से शीर्ष पर ले जाने को कटिबद्ध है। उन्होंने कहा कि अब लड़ाई बंदूक और गोली से नहीं होगी, बल्कि टेक्नोलॉजी से होगी। विश्वास है विश्वविद्यालय के विद्यार्थी अपने भारत देश के लिए नवाचार करेंगे। कुलगुरु प्रोफेसर दिनेश कुमार ने कहा कि भारत को विकसित राष्ट्र बनाना हमारा संकल्प है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने 80 हजार करोड़ का सेमी कंडक्टर प्रोग्राम दिया है। इस क्षेत्र में रोजगार की अपार संभावनाएं हैं। विश्वविद्यालय और कई रोजगारपरक प्रोग्राम शुरू करेगा। कुलसचिव प्रोफेसर ज्योति राणा ने इस मौके पर सभी को स्वतंत्रता दिवस की बधाई देते हुए अपने देश के विकास में भूमिका निभाने का आह्वान किया। उन्होंने अतिथियों का आभार भी ज्ञापित किया। डॉ. प्रीति ने सभी को सस्टेनेबिलिटी की शपथ दिलाई। डॉ. कल्पना महेश्वरी ने मंच संचालन किया। एसवीएसयू सीनियर सेकेंडरी स्कूल के विद्यार्थियों ने विज्ञान, तकनीक और कौशल पर आधारित प्रदर्शनी में देश के विकास और गौरव से संबंधित अद्भुत प्रोजेक्ट प्रदर्शित किए। कुलगुरु प्रोफेसर दिनेश कुमार ने विद्यार्थियों की पीठ थपथपाई और भविष्य में इससे भी बेहतर प्रोजेक्ट बनाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कृत किया। विद्यार्थियों ने देशभक्ति पर आधारित गीत और सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए।
मुख्यातिथि के रूप में युवा सशक्तिकरण एवं उद्यमिता राज्य मंत्री श्री गौरव गौतम ने कहा, आनन्दशाला के निष्कर्षों एवं संस्तुतियों पर विचार करेंगी सरकारें
कुलगुरु प्रोफेसर दिनेश कुमार ने की आनंदशाला की अध्यक्षता, देश भर से कई कुलगुरु, कुलसचिव और शिक्षाविद हुए सम्मिलित
श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय एवं भारतीय शिक्षण मंडल के संयुक्त तत्वावधान में बुधवार को आयोजित एक दिवसीय आनन्दशाला में देश भर से पधारे कुलगुरु, शिक्षाविद और अकादमिक विद्वानों ने 'शैक्षणिक नेतृत्व और प्रशासन की पुनर्कल्पना के संबंध में भारतीयता से प्रेरित व्यहारिक दृष्टिकोण' पर मंथन किया। उद्घाटन सत्र में मुख्यातिथि के रूप में पहुंचे युवा सशक्तिकरण एवं उद्यमिता राज्य मंत्री श्री गौरव गौतम ने देश भर से आए विद्वानों का अभिनन्दन करते हुए कहा कि इस आनन्दशाला से निकले निष्कर्षों को राज्य एवं देश की सरकार राष्ट्रीय शिक्षा नीति के साथ समन्वित करने पर विचार करेंगी। विश्वविद्यालय पहुंचने पर कुलगुरु प्रोफेसर दिनेश कुमार ने राज्य मंत्री श्री गौरव गौतम एवं शिक्षा जगत की सुप्रसिद्ध विभूतियों एवं कुलगुरुओं का भव्य स्वागत किया। दीप प्रज्ज्वलन एवं मंत्रोच्चार के साथ आनन्दशाला प्रारंभ हुई। मुख्यातिथि के रूप में राज्यमंत्री श्री गौरव गौतम ने आनन्दशाला में शिक्षा जगत की विभूतियों को संबोधित करते हुए कहा कि दुनिया तेजी से बदल रही है, यह ज्ञान युवा पीढ़ी को चुनौतियों से पार पाने में सहायक होगा और देश का युवा कौशल एवं चरित्र के बल पर अपना वर्चस्व कायम करेगा। श्री गौरव गौतम ने कहा कि देश के युवा कौशल से सुसज्जित होंगे तो देश को शक्तिशाली बनने से कोई नहीं रोक सकता। उन्होंने आनन्दशाला में भारतीय ज्ञान संपदा की अलख जगाने के लिए भारतीय शिक्षण मंडल एवं श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय की सराहना की। मुख्य वक्ता के रूप में भारतीय शिक्षण मंडल के राष्ट्रीय संगठन मंत्री बी. आर. शंकरानन्द ने कहा कि भारत ग्लोबल लीडर बनने जा रहा है। विश्व को जोड़ने की क्षमता और सोच सिर्फ भारत के पास है, किन्तु शिक्षा क्षेत्र को बचाए बिना यह संभव नहीं है। हमारे भारतीय मूल्य हमें सिखाते हैं कि दूसरों के लिए हितकर एवं अच्छे कार्य करना हमारा स्वभाव बन जाना चाहिए। बी. आर. शंकरानन्द ने कहा कि भारतीय ज्ञान संपदा अद्भुत है और इसी से हमारी परम्परा और संस्कृति समृद्ध है। विशिष्ट अतिथि के रूप में नैक के चेयरमैन प्रोफेसर अनिल डी. सहस्रबुद्धे ने कहा कि शिक्षा में भारतीय जीवन मूल्यों का समावेश अत्यंत अनिवार्य है। मैकाले के मॉडल को निरस्त कर भारतीय ज्ञान परम्परा ही विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास का मार्ग प्रशस्त करती है। भारत की प्राचीन शिक्षा पद्धति का वैशिष्ट्य अद्भुत है। प्रोफेसर सहस्रबुद्धे ने त्रिभाषी सूत्र का उल्लेख करते हुए शिक्षा जगत में सहानुभूति और समानुभूति को आत्मसात करने का आह्वान किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रोफेसर दिनेश कुमार ने कहा कि शिक्षा जगत एवं प्रशासनिक नेतृत्व में भारतीयता का समावेश जरूरी है। समाज में परिवर्तन के लिए शिक्षा में भारतीय जीवन मूल्यों को शामिल करना नितांत आवश्यक है। कुलगुरु प्रोफेसर दिनेश कुमार ने कहा कि शैक्षणिक नेतृत्व करने वाले शिक्षकों और विद्यार्थियों के लिए संवेदनशील बनें। युवाओं में संयम का संस्कार बहुत जरूरी है। कुलगुरु प्रोफेसर दिनेश कुमार ने कहा कि आनन्दशाला की संस्तुतियों से विश्वविद्यालयों के वातावरण में बदलाव अवश्यंभावी है। प्रख्यात वक्ता के रूप में मुख्यमंत्री के विशेष कर्तव्य अधिकारी डॉ. राज नेहरू ने कहा कि स्वधर्म को समझना नेतृत्व का सबसे बड़ा गुण है। भारतीय ज्ञान परम्परा में कर्तव्य निर्वहन के आदर्श निहित हैं। डॉ. राज नेहरू ने शैव दर्शन का उल्लेख करते हुए निस्वार्थ भाव से कार्य करने का आह्वान किया। भारतीय ज्ञान संपदा आयाम के अखिल भारतीय प्रमुख प्रोफेसर राजेन्द्र अनायत ने प्रशासनिक नेतृत्व एवं भारतीयता के दार्शनिक पहलुओं पर प्रकाश डाला। आनन्दशाला में तकनीकी सत्रों का भी आयोजन किया गया। श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय की कुलसचिव प्रोफेसर ज्योति राणा एवं भारतीय शिक्षण मंडल के उपाध्यक्ष डॉ. तेजेंद्र शर्मा ने अतिथियों का आभार ज्ञापित किया। इस अवसर पर भारतीय शिक्षण मंडल के अखिल भारतीय संयुक्त महामंत्री सुनील शर्मा, प्रांत अध्यक्ष डॉ. जितेंद्र भारद्वाज, आनन्दशाला की आयोजन सचिव एवं एसवीएसयू की उप कुलसचिव चंचल भारद्वाज, भारतीय शिक्षण मंडल की प्रान्त टोली, चौधरी बंसीलाल यूनिवर्सिटी की कुलगुरु प्रोफेसर दीप्ति धर्माणी, चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रोफेसर बीआर कंबोज, चौधरी देवी लाल यूनिवर्सिटी के कुलगुरु प्रोफेसर विजय कुमार, डीक्रस्ट के कुलगुरु प्रोफेसर श्री प्रकाश सिंह, डॉ. बीआर आंबेडकर नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के कुलगुरु प्रोफेसर देवेंद्र सिंह, आयोजन समिति में शामिल एसवीएसयू के अकादमिक अधिष्ठाता प्रोफेसर सुरेश कुमार, प्रोफेसर ऊषा बत्रा, ग्रीन टेक्नोलॉजी के चेयरपर्सन डॉ. सुनील कुमार गर्ग, डॉ. रवींद्र कुमार, संयुक्त निदेशक शिखा गुप्ता, डॉ. नकुल, डॉ. मिनाक्षी, कुलपति के विशेष कर्तव्य अधिकारी संजीव तायल और विधि अधिकारी केशव शर्मा उपस्थित रहे। अधिष्ठाता प्रोफेसर आरएस राठौड़, प्रोफेसर ऋषिपाल, प्रोफेसर विक्रम सिंह, प्रोफेसर आशीष श्रीवास्तव, प्रोफेसर कुलवंत सिंह, उप कुलसचिव अंजु मालिक, सहायक कुलसचिव डॉ. राजेश कुमार, सोमबीर सिंह और प्रवीण कुमार के अलावा कई अन्य विश्वविद्यालयों के कुलसचिव, अकादमिक अधिष्ठाता और शिक्षाविद ने आनन्दशाला में भागीदारी की।
श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय और भारतीय शिक्षण मंडल के संयुक्त तत्वावधान में बुधवार को होगा आयोजन, देश भर से जुटेंगे शिक्षा शास्त्री
युवा सशक्तिकरण एवं उद्यमिता मंत्री श्री गौरव गौतम मुख्यातिथि के रूप में करेंगे उद्घाटन, समापन पर मुख्यातिथि होंगे शिक्षा मंत्री श्री महिपाल ढांडा
कुलगुरु प्रोफेसर दिनेश कुमार ने प्रेसवार्ता कर दी जानकारी, एसवीएसयू की उपलब्धियों और योजनाओं का दिया ब्यौरा
श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय में बुधवार को एक दिवसीय आनन्दशाला का आयोजन किया जाएगा। भारतीय शिक्षण मंडल और श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित होने वाली इस आनन्दशाला में विभिन्न विश्वविद्यालयों के 20 कुलगुरु हिस्सा लेंगे और देश के कई बड़े शिक्षाशास्त्री इसका हिस्सा होंगे। श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रोफेसर दिनेश कुमार ने सोमवार को इस संबंध में प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर बताया कि युवा सशक्तिकरण एवं उद्यमिता मंत्री श्री गौरव गौतम मुख्यातिथि के रूप में इसका उद्घाटन करेंगे, जबकि समापन पर शिक्षा मंत्री श्री महिपाल ढांडा मुख्यातिथि होंगे। कुलगुरु प्रोफेसर दिनेश कुमार ने बताया कि एनईटीएफ के चेयरमैन प्रोफेसर अनिल डी. सहस्रबुद्धे और भारत सरकार के कैपेसिटी बिल्डिंग के सदस्य डॉ. आर बालासुब्रमण्यम विशिष्ट अतिथि रहेंगे। भारतीय शिक्षण मंडल के नेशनल ऑर्गेनाइजिंग सेक्रेट्री बी आर शंकरानन्द मुख्य वक्ता होंगे। कुलगुरु प्रोफेसर दिनेश कुमार की अध्यक्षता में आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम में श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के संस्थापक कुलपति व मुख्यमंत्री के विशेष कर्तव्य अधिकारी डॉ. राज नेहरू और भारतीय ज्ञान संपदा के प्रमुख प्रोफेसर राजेन्द्र अनायत विशेष वक्ता के रूप में अपना उद्बोधन रखेंगे। कुलगुरु प्रोफेसर दिनेश कुमार ने बताया कि इस आनन्दशाला में शैक्षणिक नेतृत्व और प्रशासन की पुनर्कल्पना के संबंध में भारतीयता प्रेरित व्यवहारिक दृष्टिकोण पर मंथन होगा। उन्होंने कहा कि भारतीय आदर्श में शिक्षक का कर्तव्य केवल क्लास टीचिंग नहीं है, बल्कि विद्यार्थी का सही अर्थों में सर्वांगीण विकास प्रमुख उद्देश्य है। श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय और भारतीय शिक्षण मंडल मिल कर इस दिशा में कार्य कर रहे हैं, कि शिक्षण के उच्च स्तरीय मॉडल में भारतीय ज्ञान परम्परा और उच्च जीवन मूल्यों का समावेश हो। शिक्षा का अर्थ केवल रोजगार प्राप्ति नहीं, बल्कि ज्ञान अर्जित करते हुए व्यक्तित्व विकास भी हो। उच्च शिक्षा और प्रशासनिक दक्षता में भारतीयता झलके और उसका व्यवहारिक स्वरूप क्रियान्वित हो इस उद्देश्य से यह एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित हो रही है। कुलगुरु प्रोफेसर दिनेश कुमार ने बताया कि देश भर से सम्मिलित होने वाले कुलपति और शिक्षा जगत के विद्वानों के विचार मंथन से जो निष्कर्ष निकलेगा, वह भविष्य के लिए रोड मैप साबित होगा। कुलगुरु प्रोफेसर दिनेश कुमार ने कहा कि श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय ग्लोब के लिए प्रशिक्षित युवा तैयार कर रहा है। आने वाले समय में यह युवा देश और दुनिया में कौशल आधारित रोजगार अर्जित करेंगे। इसलिए सभी विद्यार्थियों के लिए विश्वविद्यालय में एक विदेशी भाषा अनिवार्य की गई है, ताकि वह अंतरराष्ट्रीय अवसरों को भुना सकें। उन्होंने बताया कि इसी उद्देश्य से कौशल पर आधारित 54 प्रोग्राम चलाए जा रहे हैं। निकट भविष्य में कौशल आधारित कई अन्य प्रोग्राम शुरू किए जाएंगे। उसके लिए देश के कई बड़े संस्थानों के साथ समन्वय चल रहा है। उन्होंने बताया कि हमारे 8 प्रोग्राम ऐसे हैं, जिनमें शत प्रतिशत प्लेसमेंट हुआ है, जबकि ओवरऑल प्लेसमेंट भी हर वर्ष 80 फीसदी से ऊपर रहता है। अभी साढ़े 3 हजार से अधिक विद्यार्थी कौशल प्रोग्राम में हैं, जल्दी ही यह आंकड़ा 5 हजार हो जाएगा और भविष्य में इसे 10 हजार तक ले जाने का लक्ष्य है। जल्दी ही उद्यमिता विकसित करने के लिए भी एक प्रोग्राम शुरू किया जाएगा। इस अवसर पर कुलसचिव प्रोफेसर ज्योति राणा ने भी उद्यमिता से जुड़े सुपर-30 प्रोग्राम सहित कई अन्य योजनाओं के बारे में जानकारी दी। प्रेस कॉन्फ्रेंस में आनन्दशाला की ऑर्गेनाइजिंग सेक्रेटरी एवं उप कुलसचिव चंचल भारद्वाज, ग्रीन टेक्नोलॉजी के चेयरपर्सन डॉ.सुनील कुमार गर्ग और कुलगुरु के विशेष कर्तव्य अधिकारी संजीव तायल भी उपस्थित थे।
फोटो परिचय - प्रेस वार्ता को संबोधित करते श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रोफेसर दिनेश कुमार एवं साथ में उपस्थित कुलसचिव प्रोफेसर ज्योति राणा और ग्रीन टेक्नोलॉजी के चेयरपर्सन डॉ.सुनील कुमार गर्ग।
देश-विदेश के 100 से भी ज्यादा विशेषज्ञों की होगी भागीदारी, 26 सितम्बर को होगा आयोजन
विज्ञान भारती और एसवीएसयू के संयुक्त तत्वावधान में कौशल और तकनीक की दुनिया के महारथी करेंगे मंथन
श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय में देश और दुनिया के विशेषज्ञ कौशल और तकनीक पर मंथन करेंगे। 26 सितंबर को होने वाले इस सम्मेलन में देश-विदेश के 100 से भी ज्यादा तकनीक और कौशल विशेषज्ञ हिस्सा लेंगे। खास बात यह होगी कि दुनिया भर से आने वाले सभी शोध पत्र हिंदी भाषा में प्रस्तुत होंगे। श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रोफेसर दिनेश कुमार ने बताया कि 'तकनीकी और कौशल शिक्षा की परिवर्तनकारी गतिशीलता' विषय पर आयोजित इस शोध महाकुंभ के आयोजन तैयारियां शुरू हो गई हैं। उन्होंने कहा कि तकनीक और कौशल पर हिंदी में इतने बड़े शोध महाकुंभ का आयोजन हमारे लिए गर्व का विषय है। यह सब राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप किया जा रहा है। कुलगुरु प्रोफेसर दिनेश कुमार ने कहा कि इस सम्मेलन आने वाले शोध पत्रों से कौशल और तकनीक जगत के लिए एक प्रबल और सुदृढ़ मार्ग प्रशस्त होगा। अकादमिक जगत और शोधकर्ताओं के लिए नए आयाम स्थापित होंगे। यह सम्मेलन नए शोधों का आधार तैयार करेगा। सम्मेलन की संरक्षक एवं कुलसचिव प्रोफेसर ज्योति राणा ने बताया कि इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य तकनीकी और कौशल के क्षेत्र में वैश्विक सहयोग और ज्ञान के आदान-प्रदान को बढ़ावा देना है। इस सम्मेलन में बदलती दुनिया की मांगों को पूरा करने के लिए विकसित हो रही शैक्षिक सामग्री तथा शिक्षण पद्धतियों पर चर्चा होगी। इस एक दिवसीय सम्मेलन के संयोजक प्रोफेसर आर एस राठौड़ ने बताया कि यह सम्मेलन श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के अनुपयुक्त विज्ञान एवं मानविकी कौशल संकाय तथा विज्ञान भारती के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया जाएगा। दुनिया भर के विश्वविद्यालयों से आने वाले शोध पत्रों में 10 चुनिंदा शोधपत्र विज्ञान भारती की शोध पत्रिका विज्ञान प्रकाश में प्रकाशित किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि यह शोध पत्र कौशल शिक्षा के बदलते स्वरूप, राष्ट्रीय शिक्षा नीति के कार्यान्वयन में उद्योग की भूमिका, कौशल पारिस्थितिकी तंत्र के विकास में पाठ्यक्रम उन्नयन, इंजीनियरिंग, विज्ञान, मानविकी, प्रबंधन और कृषि विषयों पर आधारित होंगे। प्रोफेसर आर एस राठौड़ ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति - 2020 में तकनीक, कौशल और विज्ञान जैसे विषयों को हिंदी तथा अन्य स्थानीय भाषाओं में पढ़ाए जाने तथा शोध को स्वदेशी भाषाओं में करने पर जोर दिया गया है। श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय ने विज्ञान भारती के साथ मिल कर यही पहल की है कि इस दिशा में व्यवहारिक स्तर पर काम हो। आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य की पूर्ति में तकनीक एवं कौशल दोनों की अहम भूमिका होगी। विज्ञान भारती और श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के संयुक्त प्रयास इस दिशा में मील का पत्थर साबित होंगे।
श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के कंप्यूटर साइंस विभाग में 'कौशल आरंभ’ कार्यक्रम आयोजित
कुलगुरु प्रोफेसर दिनेश कुमार ने विद्यार्थियों को दिए सफलता के सूत्र
पलवल। श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रोफेसर दिनेश कुमार ने कंप्यूटर साइंस के नवागंतुक विद्यार्थियों का दिमागी सॉफ्टवेयर अपडेट किया। बुधवार को 'कौशल आरंभ’ कार्यक्रम में उन्होंने विद्यार्थियों से प्रभावी संवाद कायम किया और उन्हें चुनौतियों तथा अवसरों से अवगत करवाया। करियर से लेकर व्यक्तिगत जीवन में सफलता के सूत्र तक सारी अवधारणाएं स्पष्ट होने पर विद्यार्थी अभिभूत नजर आए। कुलगुरु प्रोफेसर दिनेश कुमार ने इस अवसर पर कहा कि असीमित अवसर आपका इंतजार कर रहे हैं, लेकिन नौकरी करने वाले नहीं देने वाले बनाना। एक आइडिया आपकी जिंदगी बदल सकता है। आप अपने आसपास की समस्याओं के समाधान खोजने शुरू करो और उन्हें इंटरप्रेन्योरशिप से जोड़ दो। दुनिया आपके पीछे होगी और कामयाबी का फलक आपके नाम होगा। कुलगुरु प्रोफेसर दिनेश कुमार ने विद्यार्थियों को सफलता के सूत्र देते हुए कहा कि कंप्यूटर के साथ दूसरे स्किल को जोड़ दोगे तो कामयाबी और बड़ी हो जाएगी। उन्होंने कहा श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय संसाधनों और अपने अनोखे मॉडल के हिसाब से सबसे अलग और अद्भुत है। ऑन द जॉब ट्रेनिंग, हैंड्स ऑन प्रैक्टिस और मशीन लर्निंग विद्यार्थियों का जीवन बदल देगी। कुलगुरु प्रोफेसर दिनेश कुमार ने विद्यार्थियों को अपने कम्युनिकेशन स्किल, व्यवहार और विमर्श से व्यक्तित्व विकास का मंत्र भी दिया। साथ ही उन्होंने युवाओं को ड्रग्स से दूर रहने का आह्वान भी किया। इससे पूर्व अकादमिक अधिष्ठाता प्रोफेसर सुरेश कुमार ने विद्यार्थियों को तकनीकी ज्ञान एवं अच्छे संचार के महत्व बताए। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी कार्पोरेट कल्चर और लर्निंग एनवायरनमेंट को समझें। प्रॉक्टर एवं डीएसडब्ल्यू प्रोफेसर कुलवंत सिंह ने विद्यार्थियों को अनुशासन के विषय में बताया। कंप्यूटर विभाग की अध्यक्ष प्रोफेसर ऊषा बत्रा ने कुलगुरु प्रोफेसर दिनेश कुमार सहित सभी अतिथियों का स्वागत किया। उन्होंने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि जीवन में रचनात्मकता और उसके प्रति आपका जुनून महत्वपूर्ण है। प्रोफेसर ऊषा बत्रा ने विद्यार्थियों को उद्यमिता के लिए भी प्रेरित किया। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय के बीसीए और एमसीए प्रोग्राम को एआईसीटीई से मान्यता मिल गई है। यह महत्वपूर्ण उपलब्धि है और इससे विद्यार्थियों को लाभ होगा। इस अवसर पर डीन प्रोफेसर ऋषिपाल, डीन प्रोफेसर आशीष श्रीवास्तव और कुलगुरु के मुख्य कर्तव्य अधिकारी संजीव तायल के अलावा काफी संख्या में शिक्षक एवं विद्यार्थी उपस्थित थे।
भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अंतर्गत संचालित इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन के निदेशक (प्रौद्योगिकी) डॉ. मनीष कुमार हुड्डा से की एसवीएसयू के प्रतिनिधिमंडल ने मुलाकात
पलवल। श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के प्रतिनिधिमंडल ने भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अंतर्गत संचालित इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन के निदेशक (प्रौद्योगिकी) डॉ. मनीष कुमार हुड्डा से मुलाकात की और इस दौरान मिशन के विविध आयामों पर चर्चा हुई। इस बैठक में विश्वविद्यालय में शुरू किए जा रहे पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन सेमीकंडक्टर पैकेजिंग पर व्यापक चर्चा विचार-विमर्श हुआ। विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रोफेसर दिनेश कुमार ने भारत सरकार के मिशन में सहभागी होने के उद्देश्य से यह डिप्लोमा शुरू करने की पहल की है। उनका कहना है कि यह पहल भारत को सेमीकंडक्टर टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने के साथ-साथ युवाओं को भविष्य के अनुरूप रोजगार योग्य बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी। डॉ. मनीष कुमार हुड्डा ने इस नवाचारपरक पाठ्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि सेमीकंडक्टर तकनीक में भारत की आत्मनिर्भरता हेतु इस प्रकार के कौशल आधारित कार्यक्रम समय की आवश्यकता हैं। उन्होंने कहा कि देश के पहले राजकीय कौशल विश्वविद्यालय ने यह नया प्रोग्राम शुरू कर सराहनीय पहल की है। साथ ही औद्योगिक आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु ऑन द जॉब ट्रेनिंग की अवधारणा को भी उन्होंने सराहा। डॉ. मनीष कुमार हुड्डा ने कहा कि पाठ्यक्रम में औद्योगिक आयामों का समावेश काफी कारगर सिद्ध होगा। स्किल फैकल्टी ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के डीन प्रोफेसर आशीष श्रीवास्तव के नेतृत्व में इंडस्ट्री 4.0 के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर कुलवंत सिंह, इंडस्ट्री इंटीग्रेशन के उप निदेशक अमीष अमेय, तथा डॉ. मनीष कुमार इस प्रतिनिधिमंडल में शामिल थे। प्रोफेसर कुलवंत सिंह ने कहा कि भारत में सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में अथाह संभावनाएं हैं। यह पीजी डिप्लोमा शुरू करने से श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के माध्यम से युवा इस क्षेत्र में अपना योगदान सुनिश्चित कर पाएंगे।
कुरुक्षेत्र में आयोजित “इंटर स्टेट यूथ एक्सचेंज प्रोग्राम-2025” के समापन पर हरियाणा के माननीय मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह ने माननीय युवा सशक्तिकरण एवं उद्यमिता मंत्री श्री गौरव गौतम के साथ श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के प्रदर्शनी स्टॉल का अवलोकन किया। माननीय मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह ने विद्यार्थियों द्वारा बनाए गए प्रोजेक्ट गहनता से देखे और उनके बारे में जानकारी भी हासिल की। उन्होंने नवाचारी प्रोजेक्ट की प्रशंसा भी की। मुख्यमंत्री जी के विशेष कर्तव्य अधिकारी आदरणीय डॉ. राज नेहरू ने भी प्रदर्शनी का अवलोकन किया और प्रोजेक्ट में दिलचस्पी दिखाई।
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में आज शुरू हुए इंटर स्टेट यूथ एक्सचेंज प्रोग्राम-2025 में श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के प्रदर्शनी स्टॉल का माननीय युवा सशक्तिकरण एवं उद्यमिता मंत्री श्री गौरव गौतम जी, प्रिंसिपल सेक्रेटरी श्री राजीव रंजन जी, एसडीआईटी के निदेशक कैप्टन मनोज जी, युवा सशक्तिकरण एवं उद्यमिता मामलों में मुख्यमंत्री के सलाहकार लेफ्टिनेंट जनरल (रि.) जे एस नैन जी सहित विभिन्न विभूतियों ने अवलोकन किया और विद्यार्थियों द्वारा बनाए गए नवाचारी प्रोजेक्ट्स की प्रशंसा की।
कुलगुरु प्रोफेसर दिनेश कुमार ने मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी के सम्मुख रखा कौशल विकास का खाका
मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने दी एसवीएसयू को सफलता के शीर्ष पर ले जाने की शुभकामनाएं
श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रोफेसर दिनेश कुमार ने चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी के साथ मुलाकात की और कौशल विकास परियोजनाओं का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। देश और प्रदेश में स्किल इको सिस्टम का मॉडल प्रस्तुत करने के लिए मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय की सराहना की। उन्होंने कौशल विकास कार्यक्रम तैयार करने में श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय से अग्रदूत की भूमिका निभाने का आह्वान किया। औद्योगिक भागीदारों के साथ मिल कर कौशल विकास कार्यक्रम चलाने के श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के मॉडल की भी मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने प्रशंसा की और अन्य विश्वविद्यालयों को भी इसे अपनाने के लिए प्रेरित किया। कुलगुरु प्रोफ़ेसर दिनेश कुमार ने आने वाले समय की कई परियोजनाओं का ब्यौरा प्रस्तुत किया और मुख्यमंत्री के सम्मुख पूरी कार्य योजना रखी। मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने नव नियुक्त कुलगुरु प्रोफेसर दिनेश कुमार को नए दायित्व के लिए बधाई दी और देश के पहले राजकीय कौशल विश्वविद्यालय को सफलता के शीर्ष पर ले जाने की शुभकामनाएं दी। कुलगुरु प्रोफेसर दिनेश कुमार ने कहा कि श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय ने अतीत में उत्कृष्टता को सार्थक किया है और भविष्य में इसे और उच्चतम स्तर पर ले जाना हमारा लक्ष्य है। कुलगुरु प्रोफ़ेसर दिनेश कुमार ने मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी को पुस्तक भेंट की और विश्वविद्यालय का प्रगति प्रतिवेदन भी प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय की कई परियोजनाएं मुख्यमंत्री जी के सम्मुख रखी गई हैं। उन्होंने शीघ्र क्रियान्वयन को हरी झंडी दी है। इनमें इनोवेटिव श्रेणी के देश के पहले स्किल स्कूल के पदों पर स्थायी नियुक्तियों से लेकर विश्वविद्यालय में सड़क निर्माण और अधूरे भवनों को पूर्ण करने सहित कई विषय सम्मिलित हैं। कुलगुरु प्रोफ़ेसर दिनेश कुमार ने बताया कि बैठक में श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय में नए प्रोग्राम शुरू करने और प्रदेश के स्किल इकोसिस्टम को और अधिक व्यापक बनाने पर विचार-विमर्श किया गया। साथ ही मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी को इस सत्र में शुरू होने वाले नए प्रोग्राम की जानकारी भी दी। यह प्रोग्राम कौशल पर आधारित होने के साथ-साथ इंडस्ट्री की आवश्यकताओं की पूर्ति करेंगे। इस बैठक में कुलगुरु प्रोफ़ेसर दिनेश कुमार ने कौशल विकास के निमित्त अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी का आभार ज्ञापित किया।
Haryana Education Minister Shri Mahipal Dhanda presented a souvenir to Prof. Dinesh Kumar, Vice-Chancellor, Shri Vishwakarma Skill University during the one-day workshop on ‘Internship Opportunities’ organized by the Haryana State Higher Education Council (HSHEC) at J.C. Bose University of Science and Technology, YMCA, Faridabad, Prof. Sushil Kumar Tomar, Vice-Chancellor, J.C. Bose University also seen in the picture
शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और पर्यावरण जगरूकता पर काम करते हुए ग्रामीणों का जीवन स्तर ऊंचा उठाने का संकल्प
विश्व पर्यावरण दिवस पर दुधौला के तालाब पर हुआ भव्य कार्यक्रम, पौधरोपण किया गया और जागरूकता रैली निकाली गई
पलवल। श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय दुधौला सहित अपने आसपास के पांच गांवों को गोद लेगा। इन गांवों में जीवन स्तर को ऊंचा उठाने की दिशा में अभियान चलाया जाएगा। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर दिनेश कुमार ने बुधवार को विश्व पर्यावरण दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम के दौरान यह घोषणा की। मुख्यातिथि के रूप में उन्होंने मंच से कहा कि पलवल मेरी कर्मभूमि है। इस क्षेत्र को विकसित बनाने की दिशा में हम प्रतिबद्ध हैं। कौशल विकास और जागरूकता, दोनों इस विकास के आधार बनेंगे। कुलपति प्रोफेसर दिनेश कुमार ने कहा कि श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय की स्थापना से इस क्षेत्र में बड़े पैमाने पर सकारात्मक प्रभाव दिखा है। किंतु शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और पर्यावरण को केंद्र बिंदु बनाते हुए श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय दुधौला सहित आसपास के पांच गांवों को गोद लेगा। इन गांवों में उपरोक्त सभी आयामों पर काम होगा। ग्रामीणों के जीवन स्तर में सुधार लाना हमारा सबसे बड़ा लक्ष्य होगा। साथ ही उन्होंने कहा कि पर्यावरण की दृष्टि से स्वच्छता हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकता होगी। कुलपति प्रोफेसर दिनेश कुमार ने कहा कि सीएसआर के अंतर्गत कम्पनियों को भी इस अभियान के साथ जोड़ने की कोशिश की जाएगी। उन्होंने ग्रामीणों से इस अभियान में जुड़ने का आह्वान किया। इससे पूर्व दुधौला गांव के सरपंच सुनील कुमार एवं पंचायत सदस्यों ने कुलपति प्रोफेसर दिनेश कुमार का पगड़ी पहना कर स्वागत किया। आंगनवाड़ी की महिला कार्यकर्ताओं ने कुलसचिव प्रोफेसर ज्योति राणा को पौधा भेंट कर स्वागत किया। कुलसचिव प्रोफेसर ज्योति राणा ने कहा कि पर्यावरण को स्वच्छ बनाने की दिशा में विश्वविद्यालय और ग्राम पंचायतें मिल कर कार्य करेंगी। सरपंच सुनील कुमार ने कुलपति और कुलसचिव का स्वागत करते हुए कहा कि दुधौला गांव को विश्वविद्यालय से एक नई पहचान मिली है। सरपंच सुनील कुमार ने कुलपति प्रोफेसर दिनेश कुमार के आह्वान पर दुधौला को स्वच्छ और हरा-भरा बनाने की बात कही। डीन प्रोफेसर आर एस राठौड़ ने कहा कि दुधौला गांव को स्वच्छ बनाने की दिशा में मिल कर काम करेंगे। उन्होंने दुधौला के तालाब के स्वच्छ बनाने की योजना पर काम करने की बात कही। कुलपति प्रोफेसर दिनेश कुमार, कुलसचिव प्रोफेसर ज्योति राणा, सरपंच सुनील कुमार, डीन प्रोफेसर आर एस राठौड़ एवं विश्वविद्यालय के अधिकारियों और पंचायत सदस्यों ने मिल कर पौधे लगाए। कुलपति प्रोफेसर दिनेश कुमार ने जागरूकता रैली को रवाना किया। विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों ने पर्यावरण जागरूक के नारे लगाते हुए गांव में रैली निकाली। सरपंच सुनील कुमार ने जागरूक रैली का अपने कार्यालय पर भव्य स्वागत किया। इससे पूर्व विद्यार्थियों के नुक्कड़ नाटक के जरिए पर्यावरण संरक्षण का सार्थक संदेश दिया। इस अवसर पर डीन प्रोफेसर ऋषिपाल, डीन प्रोफेसर आशीष श्रीवास्तव, डीन प्रोफेसर कुलवंत सिंह, उप कुलसचिव डॉ. ललित शर्मा, खेल निदेशक डॉ. मनी कंवर सिंह, एनएसएस के कार्यक्रम अधिकारी डॉ. नकुल सिंह, संयुक्त निदेशक शिखा गुप्ता, विधि अधिकारी केशव शर्मा, ओएसडी संजीव तायल, डॉ. विकास भदौरिया, पर्यावरण शिक्षक हेमंत कम्बोज एवं डॉ. राजकुमार तेवतिया भी उपस्थित थे।
फोटो परिचय - दुधौला गांव में तालाब किनारे पौधारोपण करते कुलपति प्रोफेसर दिनेश कुमार, कुलसचिव प्रोफेसर ज्योति राणा एवं सरपंच सुनील कुमार।
विद्यार्थियों के सपने साकार, कुलपति ने अपने हाथों से वितरित किए नियुक्ति पत्र
प्लेसमेंट को 100 प्रतिशत ले जाने का रखा लक्ष्य
पलवल। श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर दिनेश कुमार ने 12 विद्यार्थियों को अपने हाथों से नियुक्ति पत्र वितरित किए और उनके सुखद भविष्य की कामना की। इन विद्यार्थियों की नियुक्ति एनटीके इंडिया हाइड्रोलिक और एडवर्ब टेक्नोलॉजी में हुई है। कुलपति प्रोफेसर दिनेश कुमार ने इस अवसर पर कहा कि कौशल रोजगार का वरदान है। जिसके हाथ में हुनर है, उसे दुनिया के किसी भी कोने में रोजगार की कमी नहीं है। उन्होंने कहा कि श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के कई प्रोग्राम में प्लेसमेंट सौ प्रतिशत है। सभी प्रोग्राम की प्लेसमेंट को सौ प्रतिशत पर पहुंचाना हमारा लक्ष्य है। अभी विश्वविद्यालय के 81 फीसदी विद्यार्थियों को प्लेसमेंट मिल रहा है, जबकि बाकी के काफी विद्यार्थी एंटरप्रेन्योरशिप कर रहे हैं और कुछ ने निजी व्यवसाय शुरू कर लिए हैं। कुलपति प्रोफेसर दिनेश कुमार ने कहा कि श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय शीघ्र ही कई और भी रोजगारपरक प्रोग्राम शुरू करेगा। उन्होंने नियुक्ति पत्र हासिल करने वाले विद्यार्थियों को बधाई देते हुए मेहनत और अनुशासन से आगे बढ़ने का आह्वान किया। बीवॉक मैकाट्रॉनिक्स के विद्यार्थी अभिषेक, अमित, द्रविड़ बघेल, सोनू कुमार, मीनू, बीवॉक मैकेनिकल मैन्युफैक्चरिंग के विद्यार्थी मोहित और विनय सोनक को एनटीके इंडिया हाइड्रोलिक ने और बीवॉक मैकाट्रॉनिक्स के विद्यार्थी प्रियांशु, बीवॉक मैकेनिकल मैन्युफैक्चरिंग के विद्यार्थी अजय, अफसर और बीवॉक रोबोटिक्स ऑटोमेशन के विद्यार्थी विनोद तथा रितिका गोयल को एडवर्ब टेक्नोलॉजीज ने चयनित किया है। चयनित विद्यार्थियों ने श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के प्रति आभार ज्ञापित किया। नियुक्ति पत्र हासिल करने वाले विद्यार्थियों को कुलसचिव प्रोफेसर ज्योति राणा ने बधाई दी और श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय का नाम ऊंचा करने का आह्वान किया। कुलपति प्रोफेसर दिनेश कुमार ने इसके लिए स्किल फैकल्टी ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के डीन प्रोफेसर आशीष श्रीवास्तव, डिप्टी प्लेसमेंट एंड ट्रेनिंग ऑफिसर डॉ. विकास भदौरिया और कॉरपोरेट रिलेशंस एंड इंगेजमेंट की उप निदेशक डॉ. वैशाली माहेश्वरी को बधाई दी।
पलवल। प्रोफेसर दिनेश कुमार श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के नए कुलपति बन गए हैं। हरियाणा के राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्री बंडारू दत्तात्रेय द्वारा उनकी नियुक्ति तीन वर्ष की अवधि के लिए की गई है। 26 मई को उन्होंने अपना कार्यभार संभाला। इससे पूर्व दो बार गुरुग्राम यूनिवर्सिटी और एक बार वाईएमसीए, फरीदाबाद के कुलपति रह चुके प्रोफेसर दिनेश कुमार अब देश के पहले कौशल विश्वविद्यालय की कमान संभालेंगे। यह अति महत्वपूर्ण दायित्व सौंपने के लिए प्रोफेसर दिनेश कुमार ने राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्री बंडारू दत्तात्रेय के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित की है। उन्होंने कहा कि श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय को वैश्विक पहचाना दिलाना उनका प्रमुख उद्देश्य होगा। संस्थापक कुलपति डॉ. राज नेहरू के लक्ष्यों को आगे बढ़ाने की दिशा में कृतसंकल्प हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन को क्रियान्वित करना परम सौभाग्य होगा। प्रोफ़ेसर दिनेश कुमार ने कहा कि हरियाणा में शिक्षा के माध्यम से कौशल विकास को आंदोलन का रूप देना उनका उद्देश्य है। कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी से पीएचडी कर चुके प्रोफेसर दिनेश कुमार प्रख्यात एकैडमिशियन हैं और उन्हें प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के हाथों होमी जहांगीर भाभा मेमोरियल अवॉर्ड प्राप्त करने का गौरव भी हासिल है। यह अवॉर्ड प्राप्त करने वाले वह हरियाणा के प्रथम वैज्ञानिक कुलपति हैं। प्रोफेसर दिनेश कुमार को फुलब्राइट- नेहरू इंटरनेशनल एजुकेशन एडमिनिस्ट्रेटर फेलोशिप भी मिल चुकी है। 2003 में इन्हें एसोसिएशन ऑफ कॉमन वेल्थ यूनिवर्सिटी की ओर से कॉमन वेल्थ फैलोशिप के लिए चुना गया था। मोस्ट एमिनेंट वाइस चांसलर अवॉर्ड से नवाजे जा चुके प्रोफेसर दिनेश कुमार ने अपना अकादमिक करियर 1987 में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से शुरू किया। 38 वर्ष के कार्यकाल में उन्होंने तीन बार कुलपति रहने के अतिरिक्त कई महत्वपूर्ण पदों को सुशोभित किया और कई पुरस्कार प्राप्त किए। उनके 140 शोध पत्र देश- दुनिया के प्रतिष्ठित जर्नल में प्रकाशित हो चुके हैं। फ्रांस, इटली, जर्मनी, आस्ट्रिया, इंग्लैंड, अमेरिका, रूस व आस्ट्रेलिया जैसे देशों की यात्रा कर चुके हैं। इंडियन साइंस कांग्रेस के कुरुक्षेत्र चैप्टर के अध्यक्ष प्रो. दिनेश कुमार ने वैज्ञानिक शोध के क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय स्तर का कार्य किया है।
सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस में अत्याधुनिक मशीनें और विद्यार्थियों के प्रोजेक्ट देख जताई प्रसन्नता विज्ञान पर आधारित प्रतियोगिताएं
कुलपति प्रोफेसर सुशील कुमार तोमर ने किया अतिथियों का स्वागत
पलवल। पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के न्यायाधीश जस्टिस महावीर सिंह सिंधु ने बुधवार को श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय का दौरा किया और उच्च शिक्षा में कौशल विकास के मॉडल का अवलोकन किया। विश्वविद्यालय परिसर पहुँचने पर कुलपति प्रोफ़ेसर सुशील कुमार तोमर और कुलसचिव प्रोफ़ेसर ज्योति राणा ने उनका भव्य स्वागत किया। इस दौरान पलवल के जिला एवं सत्र न्यायाधीश पुनेश जिन्दिया, मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी मेनका सिंह और अतिरिक्त जिला उपायुक्त अखिल पिलानी भी उनके साथ मौजूद रहे। विद्यार्थियों से मुखातिब जस्टिस महावीर सिंह सिंधु ने कहा कि अपने लक्ष्य निर्धारित करें और उन्हें हासिल करने के लिए मेहनत में जुट जाएं। उन्होंने विद्यार्थियों से अपनी जड़ों से जुड़े रहने का आह्वान किया और कहा कि कितने भी बड़े पद पर पहुंच जाएं, लेकिन अपने अतीत को ना भूलें। जस्टिस महावीर सिंह सिंधु ने कहा कि अपने बड़ों का सम्मान करें और ग़रीबों की सहायता करें। सबके प्रति सहानुभूति और समानुभिति रखनी चाहिए। इस अवसर पर जिला एवं सत्र न्यायाधीश पुनेश जिन्दिया ने विद्यार्थियों को कानून की मूलभूत अवधारणा से अवगत करवाया। उन्होंने कहा कि किसी भी देश और समाज के लिए कानून आवश्यक है। युवाओं को कानून के प्रति जागरूक रहना चाहिए, ताकि उनके माध्यम से समाज के दूसरे वर्गों को कानूनी अधिकार मिल सकें। कुलपति प्रोफेसर सुशील कुमार तोमर ने इस मौके पर कहा कि विद्यार्थी को जीवन में सीखने की ललक रखनी चाहिए। उन्होंने तेजी से बदलती तकनीक के नए पहलुओं को सीखने का भी आह्वान किया। कुलपति प्रोफेसर सुशील कुमार तोमर ने कहा कि जो शिक्षा हमारे भीतर नम्रता ना ला सके, वह निरर्थक है। सभ्य आचरण ही हमारे शिक्षित होने का प्रमाण है। इससे पूर्व मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी मेनका सिंह ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के मंच से विद्यार्थियों को कानूनी अधिकारों से अवगत करवाया। कानूनी सहायता सुरक्षा अधिवक्ता जगत सिंह रावत और सहायक कानूनी सहायता सुरक्षा अधिवक्ता पिंकी शर्मा ने कानूनी जागरूकता पर विद्यार्थियों से चर्चा की। अनुप्रयुक्त विज्ञान एवं मानविकी कौशल संकाय के अधिष्ठाता प्रोफेसर आर एस राठौड़ ने विषय की प्रस्तावना रखी।
राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के उपलक्ष्य में दो दिवसीय कार्यक्रम में होंगी विज्ञान पर आधारित प्रतियोगिताएं
पलवल। श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय में बृहस्पतिवार को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के उपलक्ष्य में विज्ञानम-2025 का आयोजन किया गया। महान वैज्ञानिक सर सीवी रमन को इस अवसर पर श्रद्धापूर्वक याद किया गया और विद्यार्थियों ने उनके जीवन से प्रेरणा का संकल्प लिया। विद्यार्थियों ने रंगोली और पोस्टर मेकिंग के माध्यम विज्ञान के प्रति अपने चाव का इजहार किया। मुख्यातिथि के रूप में कुलसचिव प्रोफेसर ज्योति राणा ने कहा कि विज्ञान तथ्यों पर आधारित होती है। इससे जीवन में सटीकता और आत्मविश्वास पैदा होता है। कुलसचिव प्रोफेसर ज्योति राणा ने कहा कि विज्ञान हमारे भीतर ठीक और गलत को समझने की क्षमता का विकास करती है। अधिष्ठाता प्रोफेसर आर एस राठौड़ ने कहा कि हमारा इतिहास विज्ञान से भरा पड़ा है। आम आदमी में विज्ञान के प्रति समझ और रुचि पैदा करना जरूरी है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति भी इस दिशा में प्रेरित करती है। कार्यक्रम में अतिथि के रूप में पधारे रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन के वैज्ञानिक डॉ. अमितांशु पटनायक ने विद्यार्थियों को रक्षा क्षेत्र में हो रहे अनुसंधान से अवगत करवाया। उन्होंने कहा कि देश की प्रगति के लिए आइडिया सबके मन में आना चाहिए। बल का मूल ही विज्ञान है। विज्ञान के बिना कुछ संभव नहीं है।
ब्यूटी मेडिकल के क्षेत्र में मिल कर ट्रेनिंग और सर्टिफिकेशन करने की इच्छा जताई
पलवल। जापानी कंपनी एनएमटी की सीईओ एमी सूचियासन ने बृहस्पतिवार को श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय का दौरा किया और अधिकारियों के साथ बैठक की। इस बैठक में उन्होंने ब्यूटी मेडिकल के क्षेत्र में श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के साथ मिलकर काम करने की पेशकश की। उन्होंने विश्वविद्यालय के मूल्यांकन एवं प्रमाणन विभाग के साथ मिलकर ट्रेनिंग प्रोग्राम शुरू करने और जॉइंट सर्टिफिकेशन की इच्छा जतायी। शिक्षा शास्त्र के अधिष्ठाता प्रोफ़ेसर ऋषिपाल की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में मूल्यांकन एवं प्रमाणन विभाग की संयुक्त निदेशक शिखा गुप्ता ने प्रशिक्षण से संबंधित विभिन्न आयामों पर चर्चा की। शिखा गुप्ता ने कहा कि श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के पास प्रशिक्षकों का बड़ा समूह है। ब्यूटी और वेलनेस के क्षेत्र में श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय द्वारा कई कोर्स चलाए जा रहे हैं। ऐसे में यदि भविष्य में जापानी कंपनी के साथ समझौता सिरे चढ़ता है तो इससे कई तरह के रास्ते खुलेंगे। एनएमटी की सीईओ एमी सूचियासन ने कहा कि ब्यूटी मेडिकल का क्षेत्र दुनिया में तेज़ी से बढ़ रहा है। यदि इस क्षेत्र में प्रशिक्षण का कार्यक्रम होगा तो युवाओं को रोज़गार के नए अवसर मिलेंगे। उन्होंने कहा कि श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय भारत का एक प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय है हम इसलिए मिलकर काम करने के इच्छुक हैं। शिक्षा शास्त्र के अधिष्ठाता प्रोफेसर ऋषि पाल ने कहा कि यदि जापानी कंपनी के साथ प्रशिक्षण कार्यक्रम से भारत के युवाओं को लाभ होगा तो निश्चित तौर पर हम इस दिशा में आगे बढ़ेंगे। उन्होंने कहा कि भारत के पास व्यापक युवा ऊर्जा है। डीन प्रोफ़ेसर ऊषा बत्रा ने भी जापानी कंपनी की सीईओ के साथ विभिन्न आयामों पर चर्चा की। इस बैठक में मासायूमे के एमडी जयकांत सिंह और असिस्टेंट डिप्टी डायरेक्टर विनोद सिंह परिहार विशेष रूप से उपस्थित थे और उन्होंने भी रोजगार की दृष्टि से जापानी कंपनी के साथ तालमेल की संभावनाओं पर चर्चा की। उपकुलसचिव चंचल भारद्वाज इस बैठक में विशेष रूप से उपस्थित रहीं और उन्होंने रोज़गार को बढ़ावा देने की दिशा में कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए। मूल्यांकन एवं प्रमाणन विभाग के क्वालिटी हैड सचिन अग्रवाल ने अपने विभाग की गतिविधियों के बारे में रिपोर्ट प्रस्तुत की। डिप्टी डायरेक्टर अमीष अमेय ने विश्वविद्यालय की रिपोर्ट जापानी मेहमान के सामने रखी। इस अवसर पर सहायक उप निदेशक विनोद भारद्वाज भी उपस्थित रहे।
विश्वविद्यालयों में प्रशासनिक दक्षता पर देश में श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय की बड़ी पहल
पलवल। श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफ़ेसर सुशील कुमार तोमर ने कहा कि प्रशासन एक स्किल है। जो समय के परिवर्तन को आत्मसात करते हुए अपने आप को अपग्रेड करेगा, वह प्रशासनिक सफलता को अवश्य अर्जित करेगा। एक आदर्श प्रशासनिक नेतृत्व के लिए लचीलापन, धैर्य और सामंजस्य बहुत आवश्यक है। कुलपति प्रोफ़ेसर तोमर विश्वविद्यालय में एडमिनिस्ट्रेटिव लीडरशिप पर आयोजित नेशनल सेमिनार प्रशासनायन-2025 में बोल रहे थे। इस सेमिनार में प्रशासनिक क्षेत्र के कई दिग्गजों ने अपने वक्तव्य दिए और 18 शोधपत्र प्रस्तुत किए गए। कुलपति प्रोफेसर सुशील कुमार तोमर ने कहा कि अकादमिक प्रशासन और सामान्य प्रशासन में काफ़ी भिन्नता होती है। अकादमिक प्रशासन में विद्यार्थी सबसे महत्वपूर्ण घटक हैं और फिर शिक्षकों तथा सहायक स्टाफ का स्थान आता है। प्रोफेसर तोमर ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और चैट जीपीटी जैसे नए आयामों को सीखते हुए आगे बढ़ने ख़ुद को अग्रिम रखने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि शिक्षण संस्थान को अंतर्राष्ट्रीय मानचित्र पर ले जाना हमारा लक्ष्य होना चाहिए। सेमिनार में मुख्यतिथि के रूप में गुरुग्राम यूनिवर्सिटी के पूर्व कुलपति प्रोफेसर दिनेश कुमार अग्रवाल ने कहा कि प्रशासनिक कार्यों में कौशल झलकना चाहिए। श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय ने इसे चरितार्थ किया है। सबसे पहले ई ऑफ़िस लागू करने से लेकर ऑन द जॉब ट्रेनिंग जैसी अवधारणा पर नए मानक बनाना बहुत महत्वपूर्ण है। प्रोफेसर दिनेश कुमार अग्रवाल ने कहा कि उत्पाद आधारित कौशल बहुत जरूरी है। कौशल बिना प्रगति संभव नहीं। इसलिए कौशल पर केंद्रित रहना बहुत महत्वपूर्ण है। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन की प्रोफसर नीतू जैन ने मुख्य वक्ता के रूप में कहा कि लीडरशिप एक एक्शन है। किसी भी संस्थान को आगे बढ़ाने के लिए जुनून की आवश्यकता होती है। उन्होंने कहा कि प्रशासनिक दक्षता के लिए व्यापक दृष्टिकोण होना चाहिए। प्रोफेसर नीतू जैन ने सफलता और नेतृत्व पर आधारित कई दिलचस्प उदाहरण भी प्रस्तुत किए। कुलसचिव प्रोफेसर ज्योति राणा ने कहा कि प्रशासनिक लीडर में समानुभूति होनी चाहिए, ताकि वह अपने साथ कार्य करने वालों की परेशानी को उसी दृष्टिकोण से समझे। उन्होंने श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय में प्रशासनिक तंत्र के कौशल और विशिष्टता पर भी प्रकाश डाला। प्रोफेसर ज्योति राणा ने कहा कि इस विश्वविद्यालय की उपलब्धियां प्रशासनिक नेतृत्व और कर्मठता की परिणति हैं। इन्हें और बड़े स्तर पर हासिल करने के लिए प्रशासनिक अधिकारियों और कर्मियों के लिए इस नेशनल सेमिनार की पहल की गई है। एसडीआईटी के संयुक्त निदेशक सुमित सहरावत ने प्रशासनिक सुधारों पर जोर दिया और इस दिशा में श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के प्रयासों की सराहना की। अकादमिक अधिष्ठाता प्रोफेसर आर एस राठौड़ ने विषय प्रवेश करवाते हुए अतिथियों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि प्रशासनिक दक्षता की दृष्टि से प्रशासनायन बहुत महत्वाकांक्षी कदम है। इससे प्रशासनिक उत्कृष्टता अर्जित करने के मानक तय होंगे। प्लेनरी सत्र में पूर्व कुलपति डॉ. पंकज गुप्ता, जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर इंद्रजीत सिंह सोढ़ी और डबल्यूईसी की चेयरपर्सन जया गोयल ने अपने वक्तव्य प्रस्तुत किए। समापन सत्र में एनआईसीएमआर के डीन रिसर्च डॉ. राजेश गोयल मुख्यतिथि के रूप में पहुंचे और उन्होंने प्रशासनिक नेतृत्व पर अपने विचार व्यक्त किए। टेक्निकल सत्र में सुमन गुप्ता, डॉ. गुंजन गुम्बर और समर महापात्रा ने अध्यक्षता की। प्रोफ़ेसर ऋषिपाल, प्रोफ़ेसर आशीष श्रीवास्तव और प्रोफ़ेसर जॉय कुरियाकोज़े ने सह अध्यक्षता की। वक्ता के रूप में उपकुलसचिव अंजू मलिक, उप कुलसचिव चंचल भारद्वाज, उप कुलसचिव डॉ. ललित शर्मा, जया गोयल और ए के वर्मा ने अपना वक्तव्य दिया। सहायक कुलसचिव डॉ. राजेश कुमार, सोमबीर श्योराण और विनय सैनी ने सत्र का संचालन किया।विनोद भारद्वाज, निशान सिंह, प्रवीण आर्य और अनूप ने प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। प्रशासनायन-2025 की संयोजक डॉ. नीति अरोड़ा ने सभी का आभार ज्ञापित किया। उन्होंने कहा कि इस सेमिनार के निष्कर्ष को अपनी कार्यशैली में सम्मिलित किया जाएगा। सह संयोजक एवं संयुक्त निदेशक शिखा गुप्ता ने सभी के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित की। डॉ. वैशाली माहेश्वरी ने मंच संचालन किया। इस अवसर पर प्रोफ़ेसर सुरेश कुमार, प्रोफ़ेसर कुलवंत सिंह, प्रोफ़ेसर ऊषा बत्रा, डॉ. समर्थ सिंह, डॉ. श्रुति गुप्ता, डॉ. सविता शर्मा, डॉ. मनी कंवर सिंह, डॉ. संजय राठौड़, मुख्य लेखा अधिकारी सुमंत, विधि अधिकारी केशव शर्मा, अमीष अमेय, लख्मी चंद सहित काफ़ी संख्या में अधिकारी और शिक्षक
कुलपति प्रोफेसर सुशील कुमार तोमर ने किया स्वागत, स्किल इको सिस्टम को सशक्त बनाने में हर संभव सहयोग का भरोसा दिया
हिमाचली प्रतिनिधिमंडल ने सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में अत्याधुनिक लैब, स्किल स्कूल और कंस्ट्रक्शन एकेडमी का भ्रमण किया
पलवल। हिमाचल प्रदेश के तकनीकी शिक्षा, व्यावसायिक एवं औद्योगिक प्रशिक्षण मंत्री राजेश धर्माणी ने सोमवार को प्रतिनिधिमंडल के साथ श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय का भ्रमण किया और स्किल एजुकेशन के मॉडल का अध्ययन किया। विश्वविद्यालय परिसर पहुंचने पर कुलपति प्रोफेसर सुशील कुमार तोमर ने उनका भव्य स्वागत किया और विश्वविद्यालय की अवधारणा से अवगत करवाया। कुलसचिव प्रोफेसर ज्योति राणा ने उनके समक्ष प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। हिमाचल प्रदेश में स्किल इकोसिस्टम को और अधिक सुदृढ़ बनाने के उद्देश्य से हिमाचल प्रदेश के तकनीकी शिक्षा, व्यावसायिक एवं औद्योगिक प्रशिक्षण मंत्री राजेश धर्माणी, हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज के निदेशक हिमांशु मोंगा और तकनीकी शिक्षा के निदेशक अक्षय सूद ने देश के पहले राजकीय कौशल विश्वविद्यालय के मॉडल का अध्ययन किया। उन्होंने भविष्य में श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के साथ मिल कर कौशल परियोजनाओं पर काम करने की इच्छा व्यक्त की। कुलपति प्रोफेसर सुशील कुमार तोमर ने उन्हें हर संभव सहयोग का भरोसा दिया। उन्होंने कहा कि श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय हर प्रकार का सहयोग करने के लिए हमेशा तत्पर है। इससे पूर्व हिमाचल प्रदेश के प्रतिनिधंडल ने विश्वविद्यालय के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में अत्याधुनिक लैब का अवलोकन किया और कौशल विकास की पूरी प्रक्रिया का अध्ययन किया। इस दौरान उन्होंने कई लैब में दिलचस्पी से जानकारी हासिल की। इनमें ऑटोमेशन लैब, सीएनसी लैब, मैकेट्रॉनिक लैब, एडवांस वेल्डिंग लैब और एडवांस्ड इलेक्ट्रिक लैब शामिल हैं। इस दौरान कुलपति प्रोफेसर सुशील कुमार तोमर ने कहा कि स्किल एजुकेशन के इस मॉडल में किताबी ज्ञान की अपेक्षा सीखने पर ज्यादा जोर दिया जाता है। प्रेक्टिकल एक्सपोजर पर सबसे ज्यादा फोकस है। हिमाचल प्रदेश के तकनीकी शिक्षा, व्यावसायिक एवं औद्योगिक प्रशिक्षण मंत्री राजेश धर्माणी ने अपनी टीम के साथ इनोवेटिव स्किल स्कूल का भी अवलोकन किया और यहां स्थापित लैब की सराहना की। विद्यार्थियों के साथ भी उन्होंने सार्थक संवाद किया और उनसे व्यवसायिक कोर्स के माध्यम से करियर बनाने पर चर्चा की। इस दौरान कुलपति प्रोफेसर सुशील कुमार तोमर ने विद्यार्थियों को स्किल कोर्स के माध्यम से आगे बढ़ने को प्रेरित किया। कुलपति प्रोफेसर सुशील कुमार तोमर ने हिमाचली प्रतिनिधिमंडल को विश्वविद्यालय में चलाए जा रहे बंचारी फोक आर्ट के कोर्स के बारे में बताया कि यह लोक के संवर्धन की दिशा में प्रयास है। उन्होंने मेहमानों को बंचारी फोक आर्ट पर विश्वविद्यालय द्वारा तैयार करवाया गया ग्रन्थ भी दिखाया। इस पर मंत्री राजेश धर्माणी ने प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि लोक कला को प्रोत्साहित करने की दिशा में यह महत्वपूर्ण प्रयास है। कुलपति प्रोफेसर सुशील कुमार तोमर ने उन्हें विश्वविद्यालय में पढ़ाई जा रही जर्मन और जापानी भाषाओं के बार में भी अवगत करवाया। उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय भाषाओं से रोजगार की बहुत संभावनाएं हैं। कुलसचिव प्रोफेसर ज्योति राणा ने अपने प्रतिवेदन में ऑन द जॉब ट्रेनिंग, प्लेसमेंट, औद्योगिक साझेदारी व भविष्य की योजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने गुरु शिष्य कौशल सम्मान योजना के बारे में भी बताया। अकादमिक अधिष्ठाता प्रोफेसर आर एस राठौड़ पाठ्यक्रम और विभिन्न कोर्स के बारे में जानकारी दी।
शिक्षकों से संवाद में शिक्षण की गुणवत्ता, अनुसन्धान और नवाचार को बढ़ावा देने का आह्वान
पलवल। जे. सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए फरीदाबाद के कुलपति प्रोफ़ेसर सुशील कुमार तोमर ने सोमवार को श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के कुलपति का पदभार ग्रहण किया। विश्वविद्यालय की कुलसचिव प्रोफेसर ज्योति राणा एवं अकादमिक अधिष्ठाता प्रोफेसर आर एस राठौड़ ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया और उनकी नई भूमिका के लिए बधाई दी। प्रोफ़ेसर सुशील कुमार तोमर ने इस नए दायित्व के लिए विश्वविद्यालय के कुलाधिपति एवं हरियाणा के राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय एवं मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित की। कुलपति प्रोफेसर सुशील कुमार तोमर ने विश्वविद्यालय के शिक्षकों के साथ संवाद भी किया। इस मौक़े पर उन्होंने कहा कि श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के संस्थापक कुलपति डॉ. राज नेहरू ने कौशल शिक्षा के क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य किया है। मैं पूरी ज़िम्मेदारी के साथ श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय को कौशल विकास एवं उत्कृष्टता की नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए प्रतिबद्ध हूँ। साथ ही उन्होंने शिक्षकों से शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने, अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देने का आह्वान किया। कुलपति प्रोफेसर सुशील कुमार तोमर ने उद्योगों और अकादमिक साझेदारी को और अधिक सशक्त बनाने के लिए भी प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि हमें भविष्य की ज़रूरतों के अनुसार नियोजन करना होगा और फिर उसे क्रियान्वित करने के लिए अपनी पूरी ऊर्जा लगानी होगी। श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय से देश को बहुत अपेक्षाएं हैं इस विश्वविद्यालय में काफ़ी कुछ करने की क्षमता भी है। इंटरडिसिप्लिनरी रिसर्च के माध्यम से बहुत कुछ करने की आवश्यकता है। उन्होंने शिक्षकों से समर्पण, प्रतिबद्धता और अनुशासन के साथ रोल मॉडल बनने का आह्वान किया। कुलपति प्रोफेसर सुशील कुमार तोमर ने कहा कि जिसके अंदर मानवता है और वह स्वयं को नियंत्रित करने की क्षमता है, वही सही मायने में एक आदर्श शिक्षक है। उन्होंने श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के ऑन द जॉब ट्रेनिंग और एलुमनाई को आधार बनाते हुए भविष्य में प्लेसमेंट से लेकर ट्रेनिंग तक कई बड़े आयाम स्थापित करने के लिए प्रेरित किया। साथ ही उन्होंने कहा कि सभी नई ऊर्जा के साथ कार्य करें ताकि अपेक्षित लक्ष्यों को अर्जित किया जा सके। इस अवसर पर विश्वविद्यालय की कुलसचिव प्रोफेसर ज्योति राणा ने कहा कि श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय कुलपति प्रोफ़ेसर सुशील कुमार तोमर के नेतृत्व और अनुभव से अवश्य लाभान्वित होगा। उन्होंने कुलपति प्रोफ़ेसर सुशील कुमार तोमर को सम्मानित करते हुआ उनका आभार ज्ञापित किया। इस अवसर पर अकादमिक अधिष्ठाता प्रोफेसर आर एस राठौड़, डीन प्रोफेसर आशीष श्रीवास्तव, प्रोफेसर सुरेश कुमार, प्रोफेसर ए के वाटल, प्रोफेसर कुलवंत सिंह और प्रोफ़ेसर ऊषा बत्रा, जे. सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. पवन मलिक के अतिरिक्त श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के काफ़ी संख्या में शिक्षक और इंस्ट्रक्टर उपस्थित थे।
पलवल। श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय में गणतंत्र दिवस समारोह उल्लासपूर्वक मनाया गया। कुलसचिव प्रोफेसर ज्योति राणा ने गणतंत्र दिवस के उपलक्ष्य में तिरंगा ध्वज फहराया और होमगार्ड की सलामी ली। इस मौक़े पर उन्होंने कहा कि गणतंत्र प्रत्येक नागरिक को न्याय और समानता देता है। भारत गौरवशाली देश है, जो विश्व का महान गणतंत्र है। संविधान ने ही देश के सभी जन को समान अधिकार दिए हैं और यही संविधान हमारे अधिकारों की रक्षा करता है। इस अवसर पर उन्होंने सभी शिक्षकों, कर्मचारियों और विद्यार्थियों को गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं दीं। विद्यार्थियों ने देश भक्ति से ओतप्रोत कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए। विश्वविद्यालय तिरंगी फिजा में रंगा नजर आया। दूसरी ओर ट्रांजिट कैंपस में अकादमिक अधिष्ठाता प्रोफेसर आर एस राठौड़ ने ध्वज फहराया और गार्ड की सलामी ली। उन्होंने सभी को गणतंत्र दिवस की बधाई दी। फोटो परिचय- श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय में तिरंगा ध्वज फहराती कुलसचिव प्रोफेसर ज्योति राणा। ट्रांजिट कैंपस में तिरंगा ध्वज फहराते अकादमिक अधिष्ठाता प्रोफेसर आर एस राठौड़।
संस्थापक कुलपति डॉ. राज नेहरू का हुआ भव्य सम्मान मुख्यमंत्री के ओएसडी बनाए जाने पर छोड़ा पद आठ साल में देश के पहले कौशल विश्वविद्यालय को दिलाए देश- दुनिया में नए मुकाम कर्मचारियों के बच्चों और एग्रीकल्चर फॉर्म के लिए दान कर गए उपहार में मिली राशि पलवल। श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के संस्थापक कुलपति डॉ. राज नेहरू को भावुक और भव्य विदाई दी गई। उनके सम्मान में दिव्य समारोह का आयोजन किया गया और संस्थापक कुलपति के रूप में उनके योगदान के लिए उन्हें प्रशस्ति प्रदान किया गया। सम्मान की सूचक पगड़ी और शाल भेंट कर उनके प्रति कृतज्ञता ज्ञापित की गई। शिक्षकों, अधिकारियों, कर्मचारियों और विद्यार्थियों ने उन्हें फूल मालाओं से लाद दिया और उनके ऊपर पुष्प वर्षा की गई। उद्योग जगत की कई बड़ी हस्तियां इस सम्मान समारोह में शामिल हुई और संस्थापक कुलपित डॉ. राज नेहरू के विदाई समारोह को यादगार बना दिया। वर्ष 2017 में डॉ. राज नहरू ने श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के संस्थापक कुलपति के रूप में कमान सँभाली थी। उन्हें न केवल देश के पहले राजकीय कौशल विश्वविद्यालय की स्थापना का श्रेय जाता है, बल्कि उनके कार्यकाल में इस विश्वविद्यालय ने एनआईआरएफ रैंकिंग में देश भर में दूसरा स्थान प्राप्त किया है। इसके अलावा श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दर्जन भर प्रतिष्ठित अवार्ड भी अपने नाम किए हैं। अब उन्हें हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी के विशेष कर्तव्य अधिकारी का दायित्व मिला है। संस्थापक कुलपति डॉ. राज नेहरू विश्वविद्यालय परिसर पहुंचे तो उनका भव्य स्वागत किया गया। उनके मार्गदर्शन में स्क्रैप से बने ई व्हीकल को फूलों से सजाया गया। बैंड की धुनों पर निकले उनके काफिले पर सारे रास्ते फूल बरसाए गए और विद्यार्थियों ने उनके प्रति करबद्ध कृतज्ञता ज्ञापित की। संस्थापक कुलपित डॉ. राज नेहरू, उनकी पत्नी सुनैना नेहरू, बेटी ओशीन और बेटा आर्यन भी इस यादगार समारोह में शरीक हुए। जब फूलों से सजे ई व्हीकल में सवार होकर वह आयोजन स्थल पर पहुंचे तो माहौल भावुक भी नजर आया। विश्वविद्यालय परिवार के साथ-साथ दुधौला गांव के पूर्व सरपंच सुन्दर सिंह और गाँव के मौजूदा व्यक्तियों ने भी कुलपति डॉक्टर राज नेहरू को का सम्मान किया। उन्होंने नोटों की माला भी पहनाई, लेकिन डॉ. राज नेहरू ने यह राशि चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के बच्चों की शिक्षा और एग्रीकल्चर फार्म के लिए दान कर दी। संस्थापक कुलपति डॉ. राज नेहरू ने इस अवसर पर पूरी टीम के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करते हुए कहा कि यह लक्ष्य प्राप्त करना आसान नहीं था, लेकिन आप सबके सहयोग से मैं विश्वविद्यालय को इस मुक़ाम पर लाने में सफल हुआ। उन्होंने कहा कि दूर तक चलना है तो सबको साथ लेकर चलना पड़ेगा और इसी भावना के साथ हमने विश्वविद्यालय के निर्माण में सब की सहभागिता सुनिश्चित की। डॉ. राज नेहरू ने कहा कि मैने श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय को पूरी निष्ठा और मूल्य बोध के साथ संचालित किया। इसके लिए विश्वविद्यालय की विश्वसनीयता सबसे ऊपर रही। चाहे वह भर्तियों का विषय हो पूरी पारदर्शिता के साथ भर्ती हुई और एक भव्य परिसर का निर्माण भी हुआ, लेकिन आठ साल में कोई आक्षेप नहीं है। उन्होंने कहा कि हमने नए आइडिया, नई नीतियां और नवाचार पर काम किया। इसके बूते ही इस विश्वविद्यालय ने देश-विदेश में अपनी एक अलग पहचान बनायी है। देश के पहले इनोवेटिव स्किल स्कूल की स्थापना को उन्होंने बड़ी उपलब्धि बताया। संस्थापक कुलपति डॉ. राज नेहरू ने कहा कि हमने एक वर्ल्ड क्लास सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस की स्थापना की है। आने वाले दिनों में इसके बहुत सुखद परिणाम सामने आएंगे। साथ ही ऑन द जॉब ट्रेनिंग को कौशल शिक्षा के मॉडल में समावेशित किया गया है। अब यह पूरे देश के लिए एक आदर्श मॉडल बन गया है। उन्होंने कहा कि आज देश और दुनिया के बहुचर्चित शिक्षण संस्थान श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के मॉडल का अनुकरण कर रहे हैं। यह हमारी उपलब्धि है। इस पूरे मिशन में सहयोग के लिए उन्होंने सभी डीन, प्रोफेसर, अधिकारियों, कर्मचारियों और विद्यार्थियों के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित की। डॉ. राज नेहरू ने ग्राम पंचायत दुधौला के प्रति विशेष कृतज्ञता जतायी। उन्होंने कहा कि दुधौला गांव के सहयोग से ही यह विश्वविद्यालय स्थापित हो पाया है। संश्थापक कुलपति डॉ. राज नेहरू ने कहा कि श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालयों को वह अपने मन और सोच से कभी बाहर नहीं निकाल सकते। यह हमेशा दिल में रहेगा। अंत में उन्होंने अत्यंत विनम्रता से कहा कि इस कार्यकाल में यदि कोई चूक हुई हो तो उसके लिए क्षमाप्रार्थी हूँ। विश्वविद्यालय की कुलसचिव प्रोफ़ेसर ज्योति राणा ने उन्हें विश्वविद्यालय की ओर से सम्मानित किया। इस मौक़े पर उन्होंने कहा कि पूरे देश के सामने यह विश्वविद्यालय आदर्श बन गया है। कुलपति के रूप में डॉक्टर राज नेहरू को भारत में कौशल शिक्षा का मॉडल खड़ा करने का श्रेय जाता है। उन्होंने जिस शिद्दत के साथ इस विश्वविद्यालय का स्थापना की है वह निर्वचनीय है। उनकी संस्तुतियों को यूजीसी और नैक ने भी स्वीकार किया। यह बहुत बड़ा गौरव है। विश्वविद्यालय के अकादमिक अधिष्ठाता प्रोफ़ेसर आर एस राठौड़ ने कहा कि कौशल विश्वविद्यालय के कुलपति के रूप में डॉक्टर राज नेहरू ने देश में स्किल एजुकेशन का इको सिस्टम तैयार किया। उन्होंने अपनी नेतृत्व क्षमता से शिक्षा जगत और देश व समाज के लिए बहुत बड़ा योगदान दिया है। डॉ. राज नेहरू को बंचारी की लोककला के संवर्द्धन के लिए भी जाना जाएगा। प्रोफेसर आर एस राठौड़ ने कहा कि अब हरियाणा सरकार ने उन्हें जो दायित्व दिया है इसका भी बड़े स्तर पर प्रदेश को लाभ मिलेगा। आईआईएलएम की कुलपित डॉ. सुजाता शाही, हीरो मोटरकॉर्प की ओर से एचआर हेड धर्म रक्षित, सुधांशु पाडी, ऑटोलेक की एचआर हेड भावना चौहान, मिताभी लैंस की ओर जीएम संजीव शर्मा, मेट्रो लैब के डायरेक्टर विनोद भाटी और हिपा की सहायक निदेशक रेखा भारद्वाज सहित उद्योग जगत की कई बड़ी हस्तियों ने संस्थापत कुलपति डॉ. राज नेहरू को सम्मानित किया और उनकी नई पारी के लिए शुभकामनाएँ दी
मुख्यमंत्री का ओएसडी बनाए जाने पर किया डॉ. राज नेहरू का भव्य स्वागत पलवल। श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. राज नेहरू को मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी का ओएसडी बनाए जाने पर अभिनंदन किया गया। विश्वविद्यालय परिसर पहुंचने पर उनका भव्य स्वागत हुआ। कुलसचिव प्रोफेसर ज्योति राणा ने उन्हें सम्मानित किया और शिक्षकों तथा अधिकारियों ने उन्हें फूल मालाओं से लाद दिया। इस अवसर पर कुलपति डॉ. राज नेहरू ने कहा कि श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय को बुलंदियों पर ले जाना सबसे बड़ा लक्ष्य है। देश के पहले राजकीय कौशल विश्वविद्यालय को राष्ट्रीय स्तर पर कौशल शिक्षा का आदर्श बनाए रखना है। इसके लिए मैं हमेशा अपने सर्वश्रेष्ठ योगदान के लिए उपलब्ध रहूंगा। डॉ. राज नेहरू ने कहा कि राष्ट्रीय फलक पर विश्वविद्यालय की ख्याति और कैसे बढ़ाई जाए, इस दिशा में सबको मिल कर काम करना है। विश्वविद्यालय को जब और जिस रूप में आवश्यकता पड़े, सभी अपनी सार्थक भूमिका निभाने के लिए तैयार रहें। कुलसचिव प्रोफेसर ज्योति राणा ने कहा कुलपति डॉ. राज नेहरू के नेतृत्व में श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय ने देश-दुनिया में विशिष्ट पहचान बनाई है। कुलपति के रूप में उनके नेतृत्व ने विश्वविद्यालय को बड़े स्तर पर ख्याति दिलाई है। उनके मार्ग दर्शन में ही श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय वैश्विक परिदृश्य में और आगे बढ़ेगा। विश्वविद्यालय के सभी शिक्षकों, अधिकारियों और कर्मचारियों ने कुलपति डॉ. राज नेहरू को मुख्यमंत्री का ओएसडी बनाए जाने पर उनका भव्य अभिनंदन किया। उनकी नेतृत्व गुणवत्ता की सभी ने मुक्तकंठ प्रशंसा की। इस अवसर पर प्रोफेसर आशीष श्रीवास्तव, प्रोफेसर सुरेश कुमार, प्रोफेसर ए के वातल, प्रोफेसर ऋषिपाल, प्रोफेसर कुलवंत सिंह, प्रोफेसर ऊषा बत्रा, उप कुलसचिव डॉ. ललित कुमार शर्मा, उप कुलसचिव चंचल भारद्वाज, उप कुलसचिव अंजू मलिक, संयुक्त निदेशक शिखा गुप्ता, सहायक कुल सचिव विनय सैनी, सोमवीर श्योराण, ओएसडी संजीव तायल, निदेशक डॉ. मनी कंवर सिंह, डॉ. संजय सिंह राठौर, डॉ. सविता शर्मा, डॉ. समर्थ सिंह, डॉ. पिंकी शर्मा, डॉ. प्रीति, डॉ. नकुल, विधि अधिकारी केशव शर्मा, एसडीओ नरेश संधू, निजी सहायक अनिल जांगड़ा और सहायक उप निदेशक निशान सिंह सहित काफी संख्या में अधिकारी, शिक्षक और कर्मी उपस्थित थे।
प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों में लागू होगा श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय का आरपीएल प्रोग्राम श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के पास आरपीएल लागू करने का प्रारूप तैयार- श्री राज नेहरू हरियाणा के उच्चतर शिक्षा विभाग ने जारी किया पत्र, श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के साथ एमओयू करने की संस्तुति इंडस्ट्री में काम कर रहे अनुभवी कर्मी नौकरी के साथ - साथ कर पाएंगे बी. वोकेशनल और एम. वोकेशनल कोर्स
हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल खट्टर ने सुशासन दिवस के अवसर पर आयोजित राज्य स्तरीय समारोह में श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के कुलपति श्री राज नेहरू को सम्मानित किया और उन्हें यह अवार्ड प्रदान किया। मुख्यमंत्री ने श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के गवर्नेंस और कुलपति श्री राज नेहरू की कार्यशैली और विजन की सराहना की। कुलसचिव प्रो. आरएस राठौड़, डीन एकेडमिक प्रो. ज्योति राणा, प्रो. सुरेश कुमार, प्रो. निर्मल सिंह, प्रो. रंजीत सिंह व प्रो. आशीष श्रीवास्तव उनके साथ अवार्ड लेने पहुंचे और सभी को प्रमाणपत्र प्रदान किए