India’s first Government Skill University

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Skill University

Notice for Nepunaya 2025 : Published on - 12 Nov 2025 |  Registration link for Nepunaya 2025 |  Admission open for PhD January 2026 Session : Published on - 08 Nov 2025 |  Apply Now for PhD Admission | 
Prof. Dinesh Kumar
Vice Chancellor
Email: vc@svsu.ac.in, vcoffice@svsu.ac.in
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About SVSU

Shri Vishwakarma Skill University (SVSU), established in Palwal, Haryana, is India’s first Government Skill University, dedicated to providing high-quality skill education. Founded by the Government of Haryana, SVSU is a pioneering institution focused on bridging the gap between industry requirements and academia by delivering industry-aligned, hands-on skill programs.

SVSU’s mission is to empower youth with advanced skills, knowledge, and employability through a unique model of skill education that combines theoretical learning with practical exposure. Our industry partnerships and collaborations with leading organizations offer students experiential learning through internships, apprenticeships, and on-the-job training, which equip them with the competencies required in today’s job market.

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Latest from Shri Vishwakarma Skill University

What's Happening in SVSU

12 Nov 2025

एसवीएसयू के मॉडल पर बनेगी बिहार में स्किल यूनिवर्सिटी

बिहार सरकार श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के मॉडल पर कौशल विश्वविद्यालय स्थापित करेगी। बुधवार को बिहार सरकार के तीन सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने श्रम संसाधन विभाग के सचिव दीपक आनंद के नेतृत्व में श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के दुधौला परिसर का भ्रमण किया और कौशल आधारित दोहरी शिक्षा प्रणाली के इस मॉडल का अवलोकन किया। यहां पहुंचने पर कुलगुरु प्रोफेसर दिनेश कुमार एवं कुलसचिव प्रोफेसर ज्योति राणा ने प्रतिनिधिमंडल का भव्य स्वागत किया और उन्हें इस मॉडल के बारे में विस्तृत जानकारी दी। कुलगुरु प्रोफेसर दिनेश कुमार ने बिहार से आए प्रतिनिधिमंडल को सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस का दौरा करवाया और उन्हें यहां स्थापित विश्व स्तरीय आधुनिक तकनीक पर आधारित लैब दिखाई। उनके साथ ऑन द जॉब ट्रेनिंग और पढ़ाई के साथ-साथ कमाई के मॉडल पर भी चर्चा की। बिहार के प्रतिनिधिमंडल ने डाइकिन इंडिया और ऊषा सिलाई मशीन की ओर से स्थापित किए जा रहे सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस भी देखे। विद्यार्थियों द्वारा बनाए गए रोबोटिक्स, ऑटोमेशन, ड्रोन, ईवी और वेल्डिंग आधारित प्रोजेक्ट देख कर बिहार से आए अधिकारियों के प्रतिनिधिमंडल ने जम कर सराहना की। उन्होंने लैब में काम कर रहे विद्यार्थियों से संवाद भी किया और सीखने की प्रक्रिया के बारे में जानकारियां हासिल की। इस प्रतिनिधिमंडल में श्रम संसाधन विभाग के सचिव दीपक आनंद के अतिरिक्त बिहार स्किल डेवलपमेंट मिशन के निदेशक गीतेश गुंजन और सीनियर कंसल्टेंट नीरज कुमार झा भी शामिल थे। कुलगुरु प्रोफेसर दिनेश कुमार ने श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के इंडस्ट्री के साथ समन्वय से लेकर भविष्य की योजनाओं और राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप केजी टू पीजी मॉडल पर चर्चा की। अकादमिक अधिष्ठाता प्रोफेसर विक्रम सिंह ने स्किल यूनिवर्सिटी का पूरा मॉडल विस्तार से उनके सम्मुख प्रस्तुत किया। उन्होंने विजन-मिशन से लेकर क्लास रूम और इंडस्ट्री के समन्वय के बारे में बताया। प्रोफेसर विक्रम सिंह ने बिहार से आए अधिकारियों को विश्वविद्यालय की अवधारणा एवं स्थापना से लेकर समस्त जानकारियां प्रदान की। उन्होंने बताया कि इस मॉडल में विद्यार्थी 40 प्रतिशत थ्योरी क्लास रूम में पढ़ते हैं और 60 फीसदी इंडस्ट्री में जाकर सीखते हैं और इस दौरान उन्हें स्कॉलरशिप भी मिलती है। बिहार के श्रम संसाधन विभाग के सचिव दीपक आनंद ने इस मॉडल की विशेषताओं की सराहना की और बिहार में स्किल यूनिवर्सिटी की स्थापना में इसे महत्वपूर्ण बताया। कुलसचिव प्रोफेसर ज्योति राणा ने अतिथियों का आभार ज्ञापित किया। इस अवसर पर डीन प्रोफेसर आशीष श्रीवास्तव, प्रोफेसर कुलवंत सिंह, प्रोफेसर सुनील गर्ग, प्रोफेसर सुरेश कुमार, प्रोफेसर डीवी पाठक, संयुक्त निदेशक शिखा गुप्ता, उप कुलसचिव डॉ. ललित शर्मा, डॉ. विकास भदौरिया, अमिष अमेय, डॉ. सविता शर्मा, डॉ. श्रुति गुप्ता, डॉ. संजय राठौड़, डॉ. मनी कंवर, डॉ. रविंद्र कुमार, डॉ. दलीप रैना, डॉ. नकुल, ओएसडी संजीव तायल, एसडीओ नरेश संधू और नीरज पराशर सहित कई अन्य शिक्षक एवं अधिकारी भी उपस्थित थे।

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07 Nov 2025

कुलगुरु ने किया एसवीएसयू वात्सल्य का उद्घाटन

श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रोफेसर दिनेश कुमार ने कहा कि वात्सल्य का एहसास दिव्य होता है। शिशुओं के प्रति हमें हमेशा अतिरिक्त संवेदनशील होना चाहिए। वह हिमाद्रि भवन में 'एसवीएसयू वात्सल्य' शिशु गृह का उद्घाटन करते हुए बोल रहे थे। इस वात्सल्य केंद्र में शिशु से लेकर पाँच वर्ष तक के बच्चे दिन भर रह सकेंगे। कार्य अवधि के दौरान छोटे बच्चों की माताओं को किसी प्रकार की चिंता नहीं होगी। यह शिशु गृह वातानुकूलित एवं आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित है। कुलगुरु प्रोफेसर दिनेश कुमार ने कहा कि शिशु गृह में छोटे बच्चों को वास्तव में वात्सल्य का वातावरण मिलना चाहिए। उन्होंने सभी कर्मियों से मातृभाव से कार्य करने का आह्वान किया। कुलसचिव प्रोफेसर ज्योति राणा ने कहा कि इस शिशु गृह में सभी आधुनिक सुविधाएं हैं। माताएं अब अपने बच्चों को इस शिशु केंद्र में छोड़ कर निश्चिन्त होकर काम कर सकेंगी। उन्होंने कर्मियों को इस शिशु केंद्र में आत्मीय भाव से काम करने के लिए प्रेरित किया। कुलसचिव प्रोफेसर ज्योति राणा ने कहा कि सभी बच्चों को यहां अपने घर जैसा एहसास होना चाहिए। इस अवसर पर उप कुलसचिव डॉ. ललित शर्मा, कुलगुरु के विशेष कर्तव्य अधिकारी संजीव तायल व सोनल गर्ग सहित शिशु केंद्र का स्टाफ भी उपस्थित रहा।

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05 Nov 2025

सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं में छाए श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के विद्यार्थी

सांस्कृतिक प्रस्तुतियों में श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों ने अपना सिक्का कायम किया है। विश्वविद्यालय की छात्रा सुकनवति उर्फ़ संध्या चौधरी ने राज्य स्तरीय हरियाणा दिवस समारोह में एक लाख रुपए का नकद पुरस्कार जीता, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में आयोजित रत्नावली समारोह में भी विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों ने सात विधाओं में अवार्ड हासिल किए। हरियाणा दिवस पर जिला स्तरीय समारोह में भी योग एवं संगीत में विश्वविद्यालय के विद्यार्थी छाए रहे। श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रोफेसर दिनेश कुमार ने विभिन्न सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं में शानदार प्रदर्शन करने वाले इन विद्यार्थियों को सम्मानित किया और एक लाख रुपए का चेक भी सौंपा। कुलगुरु प्रोफेसर दिनेश कुमार ने कॉम्पीटिशन रागिनी में प्रदेश भर में अव्वल रही संध्या चौधरी को विशेष बधाई दी। सोमवार को पंचकुला में आयोजित समारोह में मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने भी विश्वविद्यालय की टीम को पुरस्कृत किया था। कुलगुरु प्रोफेसर दिनेश कुमार ने इस अवसर पर कहा कि हरियाणा की संस्कृति बहुत महान है और ब्रज क्षेत्र की सांस्कृतिक छठा का कोई सानी नहीं है। सांस्कृतिक स्पर्धाओं में श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय की शानदार प्रस्तुतियों के लिए कुलगुरु प्रोफ़ेसर दिनेश कुमार ने विजेता प्रतिभागियों की पीठ थपथपाई और उन्हें भविष्य में इससे भी शानदार प्रदर्शन के लिए प्रेरित किया। इन उपलब्धियों के लिए कुलगुरु प्रोफेसर दिनेश कुमार ने कल्चरल कंसल्टेंट अनिल कौशिक, संगीत शिक्षक डॉ. राजकुमार तेवतिया और तैयारी करवाने वाली पूरी टीम की सराहना की। उन्होंने छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रोफेसर कुलवंत सिंह को इन उपलब्धियों के लिए विशेष बधाई दी और भविष्य में बेहतरीन प्रदर्शन के लिए शुभकामनाएं दी। कुलसचिव प्रोफेसर ज्योति राणा ने सभी कलाकारों की हौसलाफजाई की और उन्हें बधाई दी। कल्चरल कंसल्टेंट अनिल कौशिक ने बताया कि राज्य स्तरीय रत्नावली समारोह में श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों ने हरियाणवी शॉर्ट फ़िल्म और हरियाणवी चुटकुले प्रतियोगिता में पहला, रागिनी और नाटक में दूसरा स्थान हासिल किया, जबकि मूक अभिनय और हरियाणवी लोक गीत में तीसरा स्थान प्राप्त किया। अंजलि शर्मा ने बेस्ट एक्ट्रेस का खिताब जीता। संगीत शिक्षक डॉ. राजकुमार तेवतिया ने बताया कि पंचकुला में भी विद्यार्थियों ने बेहतरीन प्रस्तुति दी है। संशबीर डागर ने बताया कि जिला स्तरीय समारोह में भी सोलो डांस और योग प्रतियोगिता में विश्वविद्यालय के प्रतिभागी प्रथम रहे।

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17 Oct 2025

बच्चों के स्वदेशी दीवाली मेले में खरीदारी की धूम

कहीं हाथों से बने दीप, तो कहीं दीवाली की सज्जा का सामान... कहीं चाट-पकौड़ी तो कहीं घर के चूल्हे पर बना हेल्दी फूड और जगह-जगह दिल को गुदगुदाने वाले खेल! मौका था श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय में आयोजित स्वदेशी दीवाली मेले का। कुलगुरु प्रोफेसर दिनेश कुमार ने एसवीएसयू सीनियर सेकेंडरी स्कूल के विद्यार्थियों द्वारा आयोजित इस स्वदेशी मेले का उद्घाटन किया। उन्होंने विद्यार्थियों की इस पहल का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि विद्यार्थी इस मेले से न केवल उद्यमिता सीखेंगे, बल्कि उनके भीतर स्वदेशी का भाव भी प्रबल होगा। कुलगुरु प्रोफेसर दिनेश कुमार ने प्रत्येक स्टॉल पर जाकर विद्यार्थियों से स्वदेशी उत्पादों की जानकारी ली और इस दिशा में आगे बढ़ने को प्रोत्साहित किया। कुलसचिव प्रोफेसर ज्योति राणा ने विद्यार्थियों द्वारा आयोजित मेले की जमकर सराहना की। उन्होंने कहा कि यह विद्यार्थी इस मेले से स्वदेशी और उद्यमिता का संस्कार सीखेंगे। विद्यालय के प्राचार्य सतेंद्र कुमार सौरोत ने बताया कि इस स्वदेशी दीवाली मेले का पूरा प्रबंधन विद्यार्थियों ने अपने शिक्षकों की देखरेख में स्वयं किया है। विद्यार्थियों ने खाने-पीने कस स्वदेशी उत्पाद बनाए और स्टॉल लगा कर उन्हें बेचा। बड़ी संख्या में प्रोफेसर, अधिकारी, कर्मचारी और विद्यार्थी इस स्वदेशी दीवाली मेले में खरीदारी करने, व्यंजन और मनोरंजन के लिए इस मेले पहुंचे। स्कूल के शिक्षक सौम्या, निताशा, लवली और विकास ने विद्यार्थियों को मेले का प्रबंधन सिखाया। नवीन, मानव, नमन, भूमिका, करिश्मा, मिनाक्षी, यामिनी और महक ने मिल कर मेले का प्रबंधन संभाला। करिश्मा ने बताया कि हमने मेले में कूपन सिस्टम लागू किया और उत्साह के साथ विद्यार्थियों ने खरीदारी की। नवीन ने बताया कि इस मेले में प्लास्टिक का इस्तेमाल नहीं किया गया। यामिनी ने बताया कि मेले सभी उत्पाद स्वदेशी थे, यहां तक कि जिन सामान से व्यंजन तैयार हुए वह भी भारतीय थे। विद्यार्थियों ने उत्साहवर्धन के लिए सभी का आभार ज्ञापित किया।

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