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Skill University

Notification of Eligible Applicants for PhD Entrance Examination for PhD Admission January 2026 Session : Published on - 17 Dec 2025 | 
Prof. Dinesh Kumar
Vice Chancellor
Email: vc@svsu.ac.in, vcoffice@svsu.ac.in
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About SVSU

Shri Vishwakarma Skill University (SVSU), established in Palwal, Haryana, is India’s first Government Skill University, dedicated to providing high-quality skill education. Founded by the Government of Haryana, SVSU is a pioneering institution focused on bridging the gap between industry requirements and academia by delivering industry-aligned, hands-on skill programs.

SVSU’s mission is to empower youth with advanced skills, knowledge, and employability through a unique model of skill education that combines theoretical learning with practical exposure. Our industry partnerships and collaborations with leading organizations offer students experiential learning through internships, apprenticeships, and on-the-job training, which equip them with the competencies required in today’s job market.

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Latest from Shri Vishwakarma Skill University

What's Happening in SVSU

19 Dec 2025

स्मार्ट स्किल-स्मार्ट मशीन मिशन पर काम करेगा एसवीएसयू

श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय स्मार्ट स्किल फॉर स्मार्ट मशीन पर मिशन के रूप में काम करेगा। फ्यूचर स्किल और फ्यूचर जॉब रोल के लिए पाठ्यक्रम तैयार करने के उद्देश्य से विश्वविद्यालय में गोलमेज कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया। इंडस्ट्री रिलेशंस एंड एलुमनाई अफेयर्स (इरा) द्वारा आयोजित इस कॉन्फ्रेंस में कुलगुरु प्रोफ़ेसर दिनेश कुमार की अध्यक्षता में इंडस्ट्री के कई दिग्गजों ने महत्वपूर्ण सुझाव दिए और स्किल प्रोग्राम को इंडस्ट्री के अनुसार अपडेट करने की संस्तुति की। कॉन्फ्रेंस की अध्यक्षता करते हुए कुलगुरु प्रोफ़ेसर दिनेश कुमार ने कहा कि स्मार्ट स्किल स्मार्ट मशीन इंडस्ट्री के विशिष्ट ज्ञान बिना उपयोगी नहीं है। उद्योग जगत को नवीनतम तकनीक में कुशल मानवीय संसाधनों की आवश्यकता है। कुलगुरु प्रोफेसर दिनेश ने विश्वविद्यालय के बोर्ड ऑफ़ स्टडी में औद्योगिक साझीदारों का प्रतिनिधित्व बढ़ाने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि इससे स्किल आधारित पाठ्यक्रम को अधिक कारगर बनाने में मदद मिलेगी। इरा की निदेशक चंचल भारद्वाज ने उद्योग जगत से आए विशेषज्ञों का स्वागत किया और कुलगुरु प्रोफेसर दिनेश कुमार ने स्मृति चिह्न देकर उन्हें सम्मानित किया। सुजुकी रिसर्च एंड डेवलपमेंट इंडिया के एचआर हेड मुस्सरत हुसैन ने कहा कि ऑटो इंडस्ट्री में कई ऐसी क्षेत्र हैं, जिनमें स्किल्ड लोग नहीं मिल रहे। सेमी कंडक्टर से लेकर ईवी चार्जिंग सिस्टम तक के लिए कुशल लोगों की आवश्यकता है। मुस्सरत हुसैन ने स्मार्ट हाइवे की जरूरतों पर मंथन किया। हीरो मोटर कॉर्प के एचआर हेड धर्म रक्षित ने कहा कि स्किल को नई टेक्नोलॉजी और नई जरूरतों के अनुसार विकसित करना होगा। ईवी की बैटरी डिस्पोज करने से लेकर कई नए रोजगारों का सृजन हो रहा है। धर्म रक्षित ने फैकल्टी को इंडस्ट्री में समय-समय पर ट्रेनिंग का सुझाव दिया। एजे कंसल्टेंट के सीईओ मनोज अरोड़ा ने कामगारों की अपस्किलिंग का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि अब तकनीक में एआई का समन्वय हो रहा है। टूल ट्रेनिंग को एआई के अनुसार करने की जरूरत है। मनोज अरोड़ा ने ग्रीन स्किल को विकसित करने का सुझाव दिया। सेफएक्सप्रेस के उपाध्यक्ष अंचित कौल ने हैंड रेल ट्रेनिंग पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि सप्लाई चेन पर शोर्ट टर्म कोर्स शुरू करने की जरूरतें हैं। कैमरा, जीपीएस और डेटा एनालिटिक्स को भी स्किल प्रोग्राम में जोड़ा जाना चाहिए। स्मार्ट फ्रेट सेंटर की सीनियर मैनेजर सान्या शाही ने स्किल गैप दूर करने की पैरवी की। उन्होंने कहा कि टेक्निकल स्किल में नए क्षेत्र उभर रहे हैं। सॉफ्टवेर, सेफ्टी प्रोटोकॉल, बैटरी रिसाइकल और ईवी चार्जिंग जैसे क्षेत्रों स्किल मैनपावर की जरूरत है। सुब्रोस के चीफ एचआर ऑफिसर गौरव गुप्ता ने कहा कि विद्यार्थियों को लंबी इंटर्नशिप करने की जरूरत है। इंटर्नशिप के लिए इंडस्ट्री की आवश्यकताओं का अध्ययन किया जाना चाहिए। सुआस सप्लाई चेन के निदेशक विवेक जौहरी ने सप्लाई चेन और मनोज पवेरिया व डॉ. नीता सिंह ने उद्योग जगत के अनुसार पाठ्यक्रम तैयार करने के सुझाव दिए। ट्रांजिट कैंपस की निदेशक प्रोफेसर सुजाता शाही ने ग्रीन सप्लाई चेन की उपयोगिता और पाठ्यक्रम को इंडस्ट्री के अनुसार बनाए जाने पर अपने सुझाव दिए और अतिथियों का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर इंडस्ट्री फॉर पॉइंट ओ के चेयरपर्सन प्रोफेसर कुलवंत सिंह, सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस के डायरेक्टर डॉ. मनी कंवर सिंह, उप निदेशक अमीष अमेय, डीटीपीओ डॉ. विकास भदौरिया, प्रोफेसर जॉय कुरियाकोज, डॉ. गुरप्रीत कौर एवं सोनल गर्ग सहित एसवीएसयू तथा इंडस्ट्री के कई प्रतिनिधि उपस्थित थे।

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19 Dec 2025

कृषि व माइक्रो इंजीनियरिंग को समन्वित करने की आवश्यकता- प्रोफेसर दिनेश कुमार

श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रोफेसर दिनेश कुमार ने कहा कि कृषि क्षेत्र में नवाचार और उद्यमिता विकसित भारत में अपनी बड़ी भूमिका निभा सकते हैं। कृषि क्षेत्र में विकास की असीम संभावनाएं हैं। कृषि और माइक्रो इंजीनियरिंग को आपस में समन्वित करने की आवश्यकता है। वह बुधवार को विश्वविद्यालय में आयोजित प्रज्ञा परिसंवाद कार्यक्रम में मुख्यातिथि के रूप में बोल रहे थे। इस कार्यक्रम में कृषि एवं बागवानी क्षेत्र के विशेषज्ञों ने अपने अनुभव साझा किए और कृषि तथा उससे जुड़े सहायक धंधों पर कौशल विकसित करने के सुझाव दिए। कुलगुरु प्रोफेसर दिनेश कुमार ने कहा कि श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय कृषि से संबंधित विभिन्न स्किल पर कई प्रोग्राम शुरू करेगा। इनमें कई प्रोग्राम बिल्कुल हट कर होंगे। अधिक से अधिक युवाओं को कृषि क्षेत्र में कुशल बनाना हमारा लक्ष्य है, ताकि वह उद्यमिता की ओर कदम बढ़ाएं। इंडस्ट्री रिलेशंस एन्ड एलुमनी अफेयर्स की निदेशक चंचल भरद्वाज ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि प्रज्ञा परिसंवाद का उद्देश्य कृषि क्षेत्र के विशेषज्ञों के अनुभवों से विद्यार्थियों को लाभन्वित करना है। उन्होंने कौशल विश्वविद्यालय का मॉडल सबके सामने प्रस्तुत किया। कृषि संकाय के अधिष्ठाता प्रोफेसर डीवी पाठक ने कृषि क्षेत्र में ऑर्गेनिक फार्मिंग, स्वदेशी खाद व अन्य आयामों पर चर्चा को आगे बढ़ाया। आईएचडीसी के उप निदेशक दीपक कुमार ने प्राकृतिक कृषि की उपयोगिता एवं विविध पहलुओं पर प्रकश डाला और कृषि क्षेत्र में तकनीकी कोर्स शुरू किए जाने पर महत्वपूर्ण सुझाव दिए। खेत्रपाल फूड्स के निदेशक हेमंत जोशी ने सोया पनीर में उद्यमिता की संभावनाओं पर जानकारी दी और साथ ही गुणवत्तापरक खाद्य पदार्थों की मार्केटिंग के गुर भी बताए। शबरी एआई के संस्थापक सम्राट चौहान ने कृषि पर आधारित नए तकनीकी प्रोग्राम शुरू करने के सुझाव दिए। उन्होंने कहा कि कृषि के साथ टेक्निक का जुड़ना जरुरी है। साथ ही सम्राट चौहान ने फलों के क्षेत्र में एआई के इस्तेमाल पर भी रोचक जानकरी दी। धानुका एग्रीटेक के रिसर्च एन्ड डेवलपमेंट निदेशक डॉ. आरके जैन ने मिट्टी एवं पौधों से जुडी लैब विकसित करने और विद्यार्थियों को इस क्षेत्र में अधिक स्किल्ड बनाने का सुझाव दिया। जीएनजी एग्रीटेक के चेयरमैन एसके अग्रवाल ने कृषि भूमि के अत्यधिक दोहन तथा और बंजर होती जा रही भूमि पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि भूमि ही हमारा आधार है। एसके अग्रवाल ने माइक्रो ऑर्गेनिज्म जैसे विषयों को छूते हुए नए प्रोग्राम शुरू करने की संस्तुति की। इरा की निदेशक चंचल भारद्वाज ने इस सुझावों का सदुपयोग करने का आश्वासन देते हुए अतिथियों का आभार ज्ञापित किया। कुलगुरु प्रोफेसर दिनेश कुमार ने स्मृति चिन्ह देकर अतिथियों का सम्मान किया। इस अवसर पर उप निदेशक अमीष अमेय, डिप्टी ट्रेनिंग एन्ड प्लेसमेंट ऑफिसर डॉ. विकास भदौरिया, डॉ. हरीश कुमार, डॉ. तेजेन्द्र सिंह, डॉ. गुरप्रीत सिंह एवं डॉ. स्मिता भी उपस्थित रहीं।

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15 Dec 2025

कौशल विकास में बढ़ा एसवीएसयू का दायित्व

श्री विश्वकर्मा कौशल विशवविद्यालय के कुलगुरु प्रोफेसर दिनेश कुमार ने सोमवार को दिल्ली में केंद्रीय कौशल विकास एवं उद्यमशीलता तथा शिक्षा राज्य मंत्री जयंत चौधरी से मुलाकात की और कौशल पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने पर महत्वपूर्ण चर्चा की। इस दौरान उन्होंने कौशल जगत के विविध आयामों पर विमर्श किया। देश के स्किल इको सिस्टम में अपेक्षित परिवर्तनों में श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय की भूमिका पर भी बैठक में मंथन किया गया। कुलगुरु प्रोफेसर दिनेश कुमार ने बताया कि श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय कौशल विकास से लेकर पाठ्यक्रम और मानकीकरण में अग्रदूत की भूमिका निभाने को तैयार है। उन्होंने बताया कि केंद्रीय कौशल विकास एवं उद्यमशीलता तथा शिक्षा राज्य मंत्री जयंत चौधरी ने कौशल प्रणाली में विकसित सामग्री की गुणवत्ता जांचने और पाठ्यक्रम विकास के लिए विशेषज्ञों के सुझाव आमंत्रित किए हैं, ताकि इस प्रणाली को और अधिक सुदृढ़ बनाया जा सके। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय को राज्य के औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों का मार्गदर्शन करने और उनकी सहायता करने की दिशा में आगे बढ़ कर भूमिका निभानी चाहिए। कुलगुरु प्रोफेसर दिनेश कुमार ने बताया कि केंद्रीय कौशल विकास एवं उद्यमशीलता तथा शिक्षा राज्य मंत्री जयंत चौधरी से यह मुलाकात बहुत प्रेरक रही। उनकी इसी प्रेरणा से श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय अब अपने सामर्थ्य और क्षमताओं का अधिक सदुपयोग करेगा। विश्वविद्यालय अपनी बौद्धिक सम्पदा से कौशल शिक्षा और इको सिस्टम को और अधिक मज़बूत बनाने में अपना योगदान पहले से ज्यादा सुनिश्चित करेगा। कुलगुरु प्रोफेसर दिनेश कुमार ने केंद्रीय कौशल विकास एवं उद्यमशीलता तथा शिक्षा राज्य मंत्री जयंत चौधरी के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित की।

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05 Dec 2025

ब्रुनेल यूनिवर्सिटी के प्रोफ़ेसर हरजीत सिंह ने एसवीएसयू में दिया व्याख्यान

लंदन की ब्रुनेल यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर हरजीत सिंह ने श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय में सस्टेनेबल एनर्जी टेक्नोलॉजी पर व्याख्यान दिया। उन्होंने कहा कि सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा और ग्रीन टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में शोध के बहुत बड़े अवसर हैं। भारत इस क्षेत्र में अन्य देशों के साथ मिल कर बड़ी भूमिका निभा सकता है। भविष्य के लिए सस्टेनेबल एनर्जी और उसे विकसित करने की टेक्नोलॉजी बहुत आवश्यक है। प्रोफेसर हरजीत सिंह ने अपने 26 मिलियन पाउंड से ज्यादा की फंडिंग वाले अंतरराष्ट्रीय प्रोजेक्ट्स का अनुभव भी साझा किया। उन्होंने विद्यार्थियों, शोधार्थियों और शिक्षकों से सस्टेनेबल एनर्जी टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में शोध करने का आह्वान किया। श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय पहुंचने पर कुलगुरु प्रोफेसर दिनेश कुमार ने लंदन से आए प्रोफेसर हरजीत सिंह का जोरदार स्वागत किया। उन्होंने कहा कि अंतराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त विशेषज्ञ प्रोफ़ेसर हरजीत सिंह का आगमन और विद्यार्थियों के साथ उनका संवाद हमारे लिए बड़ी उपलब्धि है। कुलगुरु प्रोफ़ेसर दिनेश कुमार ने कहा कि प्रोफ़ेसर हरजीत सिंह के व्याख्यान से मिली प्रेरणा विद्यार्थियों ही नहीं शिक्षकों के लिए भी ऊर्जा का काम करेगी। कुलगुरु प्रोफ़ेसर दिनेश कुमार ने प्रोफ़ेसर हरजीत सिंह को सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस का अवलोकन भी करवाया। अकादमिक अधिष्ठाता प्रोफेसर विक्रम सिंह ने स्वागत भाषण में कहा कि प्रोफेसर हरजीत सिंह के व्याख्यान से सस्टेनेबल एनर्जी टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में विद्यार्थियों का ज्ञानवर्धन तो होगा ही उनकी इस क्षेत्र में रुचि भी बढ़ेगी। स्किल फैकल्टी ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी और आईक्यूएसी के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस कार्यक्रम में इलेक्ट्रिकल, मैकेनिकल, सोलर टेक्नोलॉजी, आरएसी और स्मार्ट मैन्युफैक्चरिंग के बड़ी संख्या छात्र-छात्राएँ मौजूद रहे। इस अवसर पर परीक्षा नियंत्रक प्रोफेसर सुरेश कुमार, ग्रीन टेक्नोलॉजी डिपार्टमेंट के चेयरमैन प्रोफेसर सुनील गर्ग, स्किल डिपार्टमेंट ऑफ़ ऑटोमेटिव स्टडीज के चेयरपर्सन डॉ. संजय सिंह राठौर, सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस के निदेशक डॉ. मनी कंवर सिंह समेत कई वरिष्ठ शिक्षक भी उपस्थित थे। एसएफईटी के डीन प्रोफ़ेसर आशीष श्रीवास्तव ने धन्यवाद ज्ञापित किया। डॉ. प्रीति ने मंच संचालन किया।

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